ट्विटर के स्वदेशी विकल्प ‘कू’ के यूजर्स की संख्या 40 लाख के पार, यह एप आईटी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों का फेवरेट

नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के विकल्प के तौर पर उभरे स्वदेशी प्लेटफॉर्म ‘कू’ से महज एक सप्ताह में 10 लाख से अधिक नए यूजर्स जुड़े हैं। इसके साथ ही इसके आने के लगभग 10 महीनों में ही 40 लाख यूजर्स का आंकड़ा पार हो गया है। यह ऐसे समय हो रहा है, जब अमेरिकी प्लेटफॉर्म ट्विटर का भारत सरकार के साथ विवाद देखने को मिला है। भारत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सुरक्षा की दृष्टि से करीब 1400 विवादास्पद अकाउंट्स को हटाने के निर्देश दिए थे, जिस पर ट्विटर ने कार्रवाई नहीं की। हालांकि खबरें आमने आई हैं कि सरकार की ओर से चेतावनी जारी किए जाने के बाद ट्विटर ने कुछ अकाउंट्स पर कार्रवाई की है।

स्वदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू कम समय में ही लोकप्रिय हो गया है। यह एप आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित कई केंद्रीय मंत्रियों का फेवरेट भी है। मालूम हो कि ट्विटर के साथ सरकार के विवाद में प्रसाद सबसे आगे रहे हैं। कू से लोग लगातार जुड़ रहे हैं और काफी कम वक्त में ही इससे 42 लाख यूजर्स जुड़ चुके हैं।

डेटा एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म स्टेटिस्टा के अनुसार, जनवरी 2021 तक माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर अमेरिका में यूजर्स की संख्या 6.93 करोड़ थी। इसके बाद जापान और भारत में यह संख्या क्रमश: 5.09 करोड़ और 1.75 करोड़ दर्ज की गई।

तेजी से आगे बढ़ते स्वदेशी प्लेटफॉर्म कू ने खुद को एक व्यक्तिगत अपडेट के साथ ही राय साझा करने वाली माइक्रो-ब्लॉगिंग सेवा के तौर पर बताया है। इस एप ने पिछले साल अगस्त में आयोजित आत्मनिर्भर एप इनोवेशन चैलेंज जीता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भारतीयों को कू एप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया।

हालांकि, कू पर भी एक डेटा लीक मामले में आरोप लगे हैं और चीनी निवेश सहित उसे कई विवादों के बीच में पाया गया है। मगर कू सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने इस बात से इनकार किया कि कोई डेटा लीक हुआ था। दरअसल, माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के साथ बढ़ते विवाद के बीच इस स्वदेशी एप को भारतीय यूजर्स ज्यादा महत्व दे रहे हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर से कई भड़काऊ पोस्ट को वापस लेने का आदेश दिया था, जिसको ट्विटर ने नजरअंदाज कर दिया। इसके साथ ही विदेशी एप होने की वजह से सुरक्षा एवं पारदर्शिता की दृष्टि से भी ट्विटर के विकल्प के तौर पर भारतीय यूजर कू को काफी महत्व दे रहे हैं।

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