नई दिल्ली। देश भर में जहाँ कोरोना की दूसरी लहर के बाद बढ़ाई गई सख्तियों ने स्थिति को नियंत्रित किया, वहीं केरल में बकरीद पर दी गई रियायतों ने हालात को बेकाबू कर दिया है। वहाँ केवल एक दिन में 22 हजार से ज्यादा केस आए हैं और एक ही दिन में 156 मौतें भी दर्ज हुई हैं। इन आँकड़ों के साथ ही केरल वह पहला राज्य बन गया है जहाँ पिछले 50 दिन में 20 हजार के ऊपर मामले आए हों।
रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में पॉजिटिविटी रेट 12.35% है। मई के बाद यह पहली दफा है कि राज्य में कोविड केसों का आँकड़ा 22 हजार पार किया हो। पूरे देश भर में रिपोर्ट हुए कोविड केसों में 53 % मामले अकेले केरल से आए हैं। पिछले 24 घंटों में जहाँ भारत में 42, 917 नए केस रिपोर्ट हुए, रिकवरी 41, 653 लोगों की हुई। ऐसे में अकेले केरल से आए एक दिन के आँकड़े (22129) चौंकाने वाले हैं।
पिछले दो हफ्तों से केरल में औसतन हर दिन 15 हजार केस दर्ज हो रहे थे। लेकिन मंगलवार को इसमें अचानक बढ़त देखने को मिली। अब तक राज्य में कुल केसों की संख्या 33, 87, 716 है। महाराष्ट्र के बाद केसों की गिनती के मामले में केरल दूसरे नंबर पर है। यहाँ अब भी 1.45 केस एक्टिव हैं जबकि महाराष्ट्र में 82000 केस एक्टिव हैं। वहीं मंगलवार को हुई 156 मौतों को मिलाकर वहाँ मरने वालों की कुल संख्या 16, 326 पहुँच गई है।
उत्तरी केरल के मुस्लिम बहुल इलाकों में सबसे ज्यादा केस रिकॉर्ड किए गए हैं। मलप्पुरम जिले ने एक ही दिन में 4,037 मामलों के साथ सबसे अधिक पॉजिटिव मामले दर्ज किए। इसके बाद त्रिशूर में 2,623; कोझीकोड में 2,397; एर्नाकुलम में 2,352; पलक्कड़ में 2,115; कोल्लम में 1,914; कोट्टायम में 1,136; तिरुवनंतपुरम में 1,100; कन्नूर में 1,072; अलाप्पुझा में 1,064; कासरगोड में 813; वायनाड में 583; पठानमथिट्टा में 523 और इडुक्की में 400 केस दर्ज हुए हैं।
माना जा रहा है कि केरल में जिस तरह से आँकड़ों में उछाल देखने को मिला है इसके पीछे का कारण पिनराई विजयन सरकार द्वारा बकरीद में दी गई राहत है। कई लोग इस पर ट्वीट कर रहे हैं। भाजपा नेता संबित पात्रा ने भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है, “बकरीद के समय 3 दिन की जो छूट केरल सरकार ने दी, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई और कहा कि ‘कावड़ यात्रा के मामले में हमने जो फैसला दिया है, उन हिदायतों का पालन बकरीद के समय केरल सरकार को भी करना चाहिए।’ मगर तुष्टिकरण की राजनीति जीती और सुप्रीम कोर्ट की इन हिदायतों का पालन केरल की सरकार ने किया। जिसका नतीजा है आज 22,000 केस आना।”
Press byte by Dr. @sambitswaraj at BJP headquarters in New Delhi. https://t.co/UFVoE4oehB
— BJP (@BJP4India) July 28, 2021
गौरतलब है कि केरल सरकार ने बकरीद की वजह से 18, 19 और 20 जुलाई को लॉकडाउन में छूट दी थी। 21 जुलाई को बकरीद थी। ऐसे में त्योहार से जुड़ी खरीदारी के मद्देनजर प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया था कि ए, बी और सी कैटेगरी की जरूरी सामान वाली दुकानों के साथ ही कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैंसी ज्वैलरी की भी दुकानों को रात 8 बजे तक खोले जाने की अनुमति है।
Bakrid effect? Malappuram – 4,037 cases. Thank you Supreme Court https://t.co/UcvfbRACLu
— Prasanna Viswanathan (@prasannavishy) July 27, 2021
इस मामले पर शीर्ष अदालत ने भी केरल सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने बकरीद में दी गई राहत मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि यह चौंकाने वाली स्थिति है कि केरल सरकार ने लॉकडाउन मानदंडों में ढील देने में व्यापारियों की माँग को मान लिया। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार की ओर से दी गई ढील के चलते राज्य में कोरोना का संक्रमण फैलता है तो कोर्ट उचित कार्रवाई करेगी। बेंच ने सुनवाई में साफ कहा था कि किसी भी तरह का दबाव भारत के नागरिकों के जीवन के सबसे कीमती अधिकार से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है। अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो कोई भी जनता इसे संज्ञान में ला सकती है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।