मस्जिद में पानी लेने गई नाबालिग को मौलवी ने बनाया हवस का शिकार, कठुआ पर कैंडल मार्च निकालने वाले मामले पर हुए मौन

न्यूज़ डेस्क। कठुआ में मुस्लिम बच्ची से रेप के मामले में रात में कैंडल मार्च निकालने वाले राहुल गांधी और बॉलीवुड गैंग दिल्ली के मस्जिद में हैवानियत की शिकार हुई मासूम पर चुप्पी साधे हुए हैं। इन सबका मामले पर चुप्पी साधना कई सवाल खड़े करता है। इस चुप्पी का सबसे बड़ा कारण यही निकलकर सामने आ रहा है कि मस्जिद में रेप का आरोपी मुस्लिम है। मस्जिद में 48 साल के मौलवी ने एक 12 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी की, लेकिन उसके गुनहगार को फांसी देने की कोई मांग नहीं उठ रही… कोई कैंडल नहीं जल रहे… कोई कैंपेन नहीं चल रहे…! सवाल यह भी कि हैवानियत में धर्म देखकर मुंह खोलने वालों को क्या सांप सूंघ गया है!

दिल्ली पुलिस ने एक मस्जिद में पानी लेने गई 12 साल की एक नाबालिग लड़की से रेप करने के आरोपी मौलवी को गिरफ्तार कर लिया है। अदालत ने मौलवी मोहमम्द इलियास को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शिकायत के अनुसार, लड़की रविवार, 30 मई को पानी भरने के लिए मस्जिद के भीतर गई थी, मौलवी ने उसे रोका और उसके बाद उसका बलात्कार किया। लड़की की शिकायत पर लोग जब मस्जिद में गए तो मौलवी फरार हो गया। पुलिस ने उसे गाजियाबाद के लोनी इलाके से गिरफ्तार कर लिया है।

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केजरीवाल एंड कंपनी की खामोशी ये कहती है कि आरोपी ‘विशेष समुदाय’ से है!
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने कठुआ कांड पर बहुत शोर मचाया था। इन सभी ने मिलकर हिंदुओं और मंदिरों को गलत तरीके से बदनाम किया था, लेकिन इस रेप कांड पर ये लोग खामोश हैं। स्वाति मालिवाल ने कठुआ कांड के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल तक की थी, लेकिन वह भी खामोश हैं। अलका लांबा और मनीष सिसोदिया का ‘निर्लज्ज’ मौन भी तो शायद इसी बात की तश्दीक कर रही है कि दोषी अगर ‘विशेष समुदाय’ का होगा तो वे इसकी निंदा नहीं करेंगे बल्कि उन्हें सिलाई मशीन देने जाएंगे!

कठुआ और मस्जिद रेप में अंतर करने वालों को पहचानना जरूरी है
मस्जिद रेप कांड पर जिस तरह से मीडिया ने मिटटी डालने की कोशिश की। मीडिया के मठाधीशों ने कहना शुरू कर दिया बलात्कारी का कोई धर्म नहीं होता और दिल्ली रेप मामले पर देश के मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है, सांप्रदायिक एजेंडा चलाया जा रहा है।

मौन साधने वाला सेक्युलर ब्रिगेड ने रेपिस्ट में देखा ‘धर्म’
जिस तरह से सेक्युलर ब्रिगेड का दोहरा रवैया सामने आया है इससे साफ है कि इस देश के असली दरिंदे वही लोग हैं जो कठुआ कांड में बोलते हैं और अन्य पर मौन रहते हैं। ऐसे ही लोग हैं जो रेप जैसे मामलों में भी हिंदू, हिंदुस्तान, बीजेपी और आरएसएस ढूंढते हैं। दरअसल जिस दिन एक कठुआ कांड में ‘देवी-स्थान’ और ‘हिंदू’ रेपिस्ट ढूंढा गया था, उसी दिन आग से खेलने की शुरुआत हो गई थी। इन्हीं सेक्युलर ब्रिगेड ने उसी दिन रेप को भी हिंदू-मुस्लिम में बांट दिया था।

दरअसल पीड़िता बच्ची हिंदू है और उसका रेप करने वाला मुसलमान है, शायद इसलिए इस मामले पर सेक्युलर खेमे में पिन ड्रॉप साइलेंस है।

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