न्यूज़ डेस्क। करगिल विजय दिवस के 22 साल पूरे हो गए हैं। सन 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने करगिल की पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया था, जिसके बाद भारतीय सेना ने उनके खिलाफ ऑपरेशन विजय चलाया था। भारत-पाकिस्तान के बीच का यह करगिल युद्ध 8 मई, 1999 से शुरू होकर करीब 2 महीने तक चला था। भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 को ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय भूमि को मुक्त कराया था। भारतीय सैनिकों की वीरता को याद करने के लिए हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2004 में सोनिया गांधी की कांग्रेस के नेतृत्व में बनी यूपीए सरकार ने करगिल विजय दिवस मनाने पर रोक लगा दी। यूपीए सरकार ने 5 साल तक करगिल विजय दिवस मनाया ही नहीं। आपको यह जानकर अचरज होगा कि कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा था कि करगिल की लड़ाई भाजपा की लड़ाई थी, इसलिए इसे मनाया नहीं जाना चाहिए। इसे आप करगिल के शहीदों का अपमान नहीं तो और क्या कहेंगे?
देश कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट बलवान सिंह, मेजर विवेक गुप्ता, नायक दिगेंद्र कुमार, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा, मेजर पद्मपाणि आचार्य, कैप्टन अनुज नायर और मेजर सौरभ कालिया जैसे वीर जवानों के बलिदान को कभी भूल नहीं सकता। लेकिन ताज्जुब कि बात यह है कि 2004 में सत्ता में आते ही सर्जिकल स्ट्राइक सवाल उठाने वाली कांग्रेस सरकार ने करगिल युद्ध के नायकों को सम्मान देने से इनकार कर दिया। जब कांग्रेस ने 2004 से 2009 तक शहीदों को याद नहीं किया तो 2009 में बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को संसद में उठाया।
Did u know 2004-2009 Cong led UPA did not celebrate or honor #KargilVijayDiwas on July26 till I insistd in #Parliament #ServingOurNation pic.twitter.com/kDEg4OY1An
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) July 25, 2017
राजीव चंदशेखर ने राज्य सभा में इस मुद्दे को उठाते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटोनी को लिखे पत्र में कहा था कि मैं 26 जुलाई, करगिल में दुश्मनों पर हमारी सेना की जीत की 10 वीं वर्षगांठ पर माननीय सदस्यों का ध्यान आकर्षित करता हूं। एक भारतीय के तौर पर इन वीर जवानों के बलिदान और कर्तव्य को याद रखना हमारा कर्तव्य है।
इसके बाद यूपीए सरकार करगिल विजय मनाने पर राजी हुई और एके एंटनी ने राजीव चंद्रशेखर को पत्र लिखकर इसके मनाने के जानकारी दी। 16 जुलाई, 2010 को भेजे अपने जवाब में एंटनी ने कहा कि कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को सम्मान देने के लिए इस साल भी 26 जुलाई, 2010 को अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि दी जाएगी।