न्यूज़ डेस्क। योगगुरु स्वामी रामदेव और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आईएमए ने 26 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई करने की मांग की है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि पतंजलि प्रॉडक्ट्स के मालिक बाबा रामदेव के द्वारा टीकाकरण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को रोका जाए और उनपर देशद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए।
IMA in a letter to PM Modi, "Misinformation campaign on vaccination by Patanjali owner Ramdev should be stopped. In a video he claimed that 10,000 doctors & lakhs of people have died despite taking both doses of vaccine. Action under sedition charges should be taken against him." pic.twitter.com/kJ9inQQRJu
— ANI (@ANI) May 26, 2021
इसके साथ ही IMA उत्तराखंड ने स्वामी रामदेव को 1000 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा है। उनसे अपने बयान का खंडन कर लिखित और वीडियो के जरिए माफी की मांग की गई है। नोटिस के अनुसार 15 दिन में माफी नहीं मांगने पर उनसे 1000 करोड़ रुपए की मांग की जाएगी। इसके पहले एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव के एक वीडियो के बाद विवाद की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन की आपत्ति पर उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। लेकिन बाबा रामदेव ने आईएमए और दवा कंपनियों के लिए 25 सवालों की सूची जारी करते हुए पूछा था कि आपकी दवा 4-6 घंटे ही असर करती हैं, वह भी साइड इफेक्ट के साथ। क्या इनका कोई स्थायी समाधान है?
IMA Uttarakhand sends a defamation notice of Rs 1000 cr to Yog Guru Ramdev. The notice states that if he doesn't post a video countering the statements given by him and tender a written apology within the next 15 days, then a sum of Rs 1000 crores will be demanded from him. pic.twitter.com/c7RlLInXi3
— ANI (@ANI) May 26, 2021
इसके पहले एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव के एक वीडियो के बाद विवाद की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन की आपत्ति पर उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। लेकिन बाबा रामदेव ने आईएमए और दवा कंपनियों के लिए 25 सवालों की सूची जारी करते हुए पूछा था कि आपकी दवा 4-6 घंटे ही असर करती हैं, वह भी साइड इफेक्ट के साथ। क्या इनका कोई स्थायी समाधान है?
मैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व फार्मा कंपनियों से विनम्रता के साथ सीधे 25 सवाल पूछता हूँ- pic.twitter.com/ATVKlDc9tl
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 24, 2021
बाबा रामदेव ने कहा कि आज भी ऐलोपैथिक के पास कई ऐसे मर्ज जिसका कोई निदान नहीं है जबकि आयुर्वेद में बीपी, सुगर, थॉयराइड जैसी बीमारियों को इलाज है। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा एक टीवी डिबेट में कहा कि मैं डॉक्टरों का सम्मान करता हूं, मॉडर्न मेडिकल साइंस का सम्मान करता हूं। सबका सम्मान करते हुए मैं कहता हूं आयुर्वेद का अपमान क्यों किया जाता है? आयुर्वेद की आलोचना करना, उसे गाली देना, छद्म विज्ञान बताना गलत है? उन्होंने कहा कि एलोपैथी की आलोचना नहीं करता हूं। पूरी फार्मा इंडस्ट्री है, लेकिन डॉक्टर उसका शिकार क्यों हो जाते हैं? डॉक्टर किसी फॉर्मा कंपनी का प्रतिनिधि नहीं होता है। बाबा रामदेव के बयान से बौखलाए आईएमए ने उनके खिलाफ शिकायत कर दी। इसी बीच मामले में नया मोड़ तब आया जब बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सारे देश को ईसाई धर्म मे तब्दील करने के षड्यंत्र के तहत बाबा रामदेव को टारगेट किया जा रहा है और योग तथा आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
पूरे देश को #Christianity में convert करने के षड्यंत्र के तहत, @yogrishiramdev जी को target करके #योग एवं #आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। देशवासियों, अब तो गहरी नींद से जागो🙏 नहीं तो आने वाली पीढ़ियां तुम्हें माफ नहीं करेंगी। pic.twitter.com/XADqXiGJIT
— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) May 24, 2021
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश के हेल्थ प्रोफेशनल्स के सबसे बड़े परिषद ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA)’ के अध्यक्ष डॉक्टर जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल कट्टर ईसाई हैं और मोदी सरकार और हिन्दू राष्ट्रवाद के प्रति अपनी खुन्नस जाहिर करते रहते हैं। वे चाहते हैं कि अस्पतालों का इस्तेमाल भी ईसाई धर्मांतरण के लिए हो। डॉक्टर जयलाल ने हाल ही में ‘Haggai इंटरनेशनल’ पर एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रवादी सरकार आधुनिक दवाओं को पश्चिमी बता कर उन्हें नष्ट करना चाहती है। वे अपने पद का इस्तेमाल ईसाई मिशनरी गतिविधियों के लिए भी करना चाहते हैं।
It is not enough to heal you physically, President IMA wants to give you the spiritual healing that his religion offers. Secular institutions are the place where your guards are down and hence the best place to do “Christian healing”. pic.twitter.com/Ne4UgOvBvm
— Amit Thadhani (@amitsurg) March 30, 2021
This is the immediately following paragraph. As per the President of the IMA, the fight against Ayurveda is actually fight against Hindutva and Sanskrit and fasting protest was inspired from Christian concept of suffering. pic.twitter.com/PXn8FP0lGt
— Amit Thadhani (@amitsurg) March 30, 2021
New President of the Indian Medical Association wants to use secular hospitals and medical colleges to convert medical students, doctors and patients to Christianity. https://t.co/oiVyNQlPwt pic.twitter.com/dnktIM3Ko0
— Amit Thadhani (@amitsurg) March 30, 2021
इसके साथ ही उन्होंने 30 मार्च, 2021 को कट्टर ईसाई पत्रिका Christianity Today को एक इटरव्यू दिया। यह पत्रिका भारत में ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार पर नजर रखती है। एक भारतीय ईसाई डॉक्टर, जो कोविड 19 में आशा की लहर देख रहा है (An Indian Christian Doctor Sees COVID-19’s Silver Linings) शीर्षक से प्रकाशित इस इंटरव्यू में जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल किस प्रकार आधुनिक चिकित्सा का प्रयोग ईसाइयत को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं, यह इस प्रकाश डालता है और किस प्रकार वह हिन्दुओं के प्रति अपनी घृणा के लिए आधुनिक चिकित्सा को ढाल बना रहे हैं। इसमें यह भी लिखा गया है कि कैसे महामारी ने चर्च को एक्शन में ला दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी ने सांसदों एवं विधायकों को भी नहीं छोड़ा है इसलिए लोगों को यह यकीन हुआ कि केवल “ग्रेस ऑफ गॉड ऑलमाइटी” ही उन्हें बचा सकता है।
Indian Medical Association, @IMAIndiaOrg doctors often mock Ayurveda as a pseudoscience may be out of competition or ignorance.
This👇is what IMA’s president Dr. @jayalal10 has to offer as scientific solution for Corona 🤔 pic.twitter.com/PRxUVhZE9E
— Shantanu Gupta (@shantanug_) May 24, 2021
डॉ जयलाल की ट्विटर प्रोफाइल देखकर आप समझ जाएंगे कि वे लगातार प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए अपनी विचारधारा और मंशा को उजागर करने वाली खबरें, कार्टून और हैशटैग शेयर, रिट्वीट या लाइक करते रहते हैं।
आईएमए (IMA) प्रमुख डॉ. जयलाल अक्सर मोदी विरोधी पोस्ट और कार्टून साझा करते हैं। ईसाई डॉक्टर बाबा रामदेव और उनकी कंपनी को महामारी की शुरुआत के बाद से परेशान कर रहे हैं। उनको ‘झोलाछाप डॉक्टर’ कहने से लेकर आयुर्वेद को पूरी तरह बदनाम करने के काम में लगे हुए हैं।
उन्होंने आयुष मंत्रालय पर भी लगातार हमले किए हैं और उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति देने वाले केंद्र के खिलाफ विरोध अभियान शुरू किया था।
जयलाल ने सरकार की आलोचना के लिए किसानों के विरोध को भी समर्थन दिया।
इतना ही नहीं IMA का कहना है कि पतंजलि आयुर्वेद के प्रमोटर बाबा रामदेव जनता को डर दिखा कर उससे एक तरह की फिरौती वसूल रहे हैं और वैज्ञानिकों दवाओं को बदनाम कर के अपना व्यापार बढ़ा रहे हैं, जो कि एक अक्षम्य अपराध है। वैसै बाबा रामदेव तो खुद कहते रहे हैं कि वो व्यापारी हैं और व्यापार तो दुनिया के किसी भी कोने में एक कानून सम्मत कार्य है। लेकिन आईएमए खुद कई तरीकों से रुपए कमाने में लगा हुआ है। कोई सरकारी या सरकार पोषित संस्था नहीं होने पर भी आईएमए प्राइवेट कंपनियों के प्रोडक्ट्स को इस तरह सर्टिफिकेट देने का काम करता है जैसे कोई नियामत संस्था हो।
IMA doctor/medical organisation hai ya dalali ka adda??😳😁
Please verify, ye sahi hai kya! 😌 pic.twitter.com/eWppGR3qkw
— Dilip Jain | दिलीप जैन 🇮🇳 (Modi Ka Parivar) (@dilipjain1979) May 26, 2021
IMA एक तरह से प्राइवेट कंपनियों के प्रोडक्ट्स को सर्टिफिकेट देकर उसका प्रचार करता है, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से ऐसा नहीं कहता। आईएमए किसी भी प्रोडक्ट को स्वास्थ्य के लिए ठीक होने का सर्टिफिकेट भी बांटता है, लेकिन वह ये नहीं बताता कि इसके लिए उसे कितने पैसे मिलते हैं।
यह डॉक्टरों की संस्था होने का दावा करने वाला आईएमए ‘एंटी-माइक्रोबियल LED बल्ब’ के साथ तेल, पेंट और आरओ वॉटर प्यूरीफायर को भी सर्टिफिकेट देता है।
सवाल उठता है कि आखिर यह सब आईएमए किस हैसियत से करता है।