न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश ने रविवार (नवंबर 8, 2020) को दी है।
कुलपति ने अपने बयान में बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर को शाम 6:30 बजे विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा का (वीडियो-कॉन्फ्रेंस से) अनावरण करेंगे। प्रतिमा के अनावरण से पहले स्वामी विवेकानंद पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।”
JNU is delighted to announce that Hon'ble Prime Minister Shri Narendra Modi will unveil (through Video Conference) the life-size statue of Swami Vivekananda in the University campus on Thursday, 12 November 2020, at 6:30 p.m. The event will be live-streamed on JNU's Facebook. pic.twitter.com/1YrI9YAp06
— Mamidala Jagadesh Kumar (@mamidala90) November 8, 2020
उन्होंने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत में हुए सबसे प्रिय बौद्धिक और आध्यात्मिक नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने युवाओं को भारत में स्वतंत्रता, विकास, सद्भाव और शांति के अपने संदेशों से प्रेरित किया।
ज्ञात हो कि स्वामी विवेकानंद की मूर्ति JNU के कुछ पूर्व छात्रों के समर्थन से स्थापित की गई है। कुछ समय पहले दिल्ली की सड़कों को जाम करने के बाद यहाँ के कुछ वामपंथी छात्रों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को अपना निशाना बनाया था।
इसी नई स्थापित मूर्ति को बदरंग करते हुए उसके पेडेस्टल पर माओवंशियों ने अपशब्द लिखे थे। “भगवा जलेगा”, “Fu(k BJP” आदि को लाल रंग के पेंट से लिखकर पेडेस्टल को कुरूप बना दिया था। इसकी तस्वीर वैज्ञानिक, लेखक और JNU में मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफ़ेसर आनंद रंगनाथन ने ट्विटर पर शेयर की थी।
Shocking and unacceptable vandalism in JNU. Sad state for a premier University to be in. Where is the security? Appalling. pic.twitter.com/mzk5iTDjAo
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 13, 2019
उन्होंने तस्वीर शेयर करते हुए बताया था कि जिस मूर्ति को निशाना बनाया गया, उस प्रतिमा का तो अनावरण भी अभी तक नहीं हुआ मगर अर्बन नक्सलियों ने इसे अपनी अंधी नफ़रत का शिकार बना दिया।
रंगनाथन का यह पोस्ट देख कर ट्विटर पर कई लोग बिफर उठे थे। उनकी पोस्ट को रीट्वीट कर व उनके कमेंट बॉक्स में लोगों ने कम्युनिस्टों को जमकर कोसा था। उस दौरान JNU को बंद करने की माँग भी उठी थी।
Leave aside for a moment renaissance in Literature or Theology; do you know who ushered renaissance in Indian science? Swami Vivekananda. It was he who proposed the setting up of IISc.
Nations weaken not because of their past but, rather, by how they are taught it.
Sad day.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 14, 2019
एक यूज़र ने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा था कि भाजपा इन गुंडों के साथ कुछ ज़्यादा ही नरमी से पेश आ रही है। यूजर के मुताबिक, “इनसे निपटने का इंदिरा गाँधी का ही तरीका सही था, जिन्होंने JNU को एक साल के लिए बंद कर दिया और कथित तौर पर डी राजा (वर्तमान भाकपा नेता) को वंदे मातरम गा कर सुनाने के लिए मजबूर कर दिया था।” इस यूजर की जानकारी कितनी सही है, भारत न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।