रायपुर। केंद्रीय संसदीय समिति ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की तारीफ की। संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रोफेसर किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी ने कहा कि प्रदेश में प्रयास विद्यालय द्वारा इन वर्गों के साथ-साथ नक्सल प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है, वह सराहनीय है। बैठक में संसदीय दल के सदस्यों में डॉ. नीरज डांगी, जगन्नाथ सरकार, डॉ. वी. शिवादासन, कामाख्या प्रसाद तासा, संसदीय दल के साथ आए संयुक्त सचिव डी.आर. चंद्रशेखर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में डॉ. प्रोफेसर किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (ऐट्रोसिटी एक्ट) के तहत प्रदेश में किए जा रहे उपायों की सराहना करते हुए पुलिस बल की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अधिनियम अंतर्गत किये जा रहे कार्यों को समिति द्वारा अन्य राज्यों में लागू करने हेतु अनुशंसा की जाएगी। गौरतलब है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के मामलों पर गठित केंद्रीय संसदीय समिति छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर है। संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रोफेसर किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी के नेतृत्व में समिति ने 15 जनवरी को राजधानी रायपुर में संचालित प्रयास आवासीय कन्या विद्यालय का भ्रमण कर विद्यालय की व्यवस्था और शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा लिया था।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि प्रदेश के वनवासी क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालय प्रारंभ किया जाता है। विद्यालय भवन के लिए अधिकतर जमीन अनुसूचित क्षेत्रों के वन भूमि में होती है। मुख्य सचिव ने समिति से आग्रह किया कि वन क्षेत्रों में स्थापित होने वाले एकलव्य विद्यालय के लिए जमीन पर लगने वाले डायवर्सन शुल्क की राशि में छूट दिलवाई जाए। संसदीय समिति के अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ में सरकारी मेडिकल कालेजों की अधिक संख्या पर प्रसन्नता जाहिर की। समिति ने मेडिकल कालेज में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों के शुल्क में छूट देने का सुझाव दिया। बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति के कल्याण के लिए राज्य में संचालित योजनाओं और गतिविधियों की जानकारी पावर पॉइंट के माध्यम से प्रस्तुत की गई।
पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग पर घटित अपराध से निपटने हेतु प्रदेश के 33 जिलों में से 27 जिलों में विशेष थाना एवं अन्य जिलों में अजाक प्रकोष्ठ गठित किया गया है, जिसमें उप पुलिस अधीक्षको की नियुक्ति की जाती है। इसी प्रकार 11 जिलों में विशेष न्यायालय भी संचालित है जो निरंतर प्रकरणों की समीक्षा करती है। उन्होंने कहा इस अधिनियम की जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में नियमित समीक्षा भी की जाती है।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की आयुक्त शम्मी आबिदी ने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों के लिए सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, आवास, भोजन, खेल एवं मनोरंजन आदि सुविधा प्रदान कर संरक्षक की भूमिका निभाते हुए रोजगार में स्थापित कर जीवन में स्थायित्व पैदा करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। इस योजना के चार घटक- आस्था, निष्ठा, प्रयास और सहयोग है। आस्था के अंतर्गत नक्सली हिंसा से अनाथ हुए बच्चों के लिए दंतेवाड़ा जिले में आस्था गुरूकुल विद्यालय संचालित है। विद्यालय में कक्षा 12वीं तक अध्ययन और आवास की निःशुल्क व्यवस्था है, वर्तमान में 205 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र सहित गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थित एल.डब्लू प्रभावित जिलों के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक अध्यापन के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल, सीए, सीएस, सीएमए, क्लैट, एनटीएससी आदि की कोचिंग प्रदान की जाती है। सहयोग के अंतर्गत कक्षा 12वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे उच्च अध्ययन कर रोजगार प्राप्त कर सकें। अनाथ बच्चों को पोस्ट मैट्रिक पाठ्यक्रम के दौरान शिक्षण शुल्क और आने-जाने के व्यय आदि की प्रतिपूर्ति की जाती है।
संसदीय समिति को मुख्य सचिव ने भेंट किए मिलेट्स से बने उत्पाद
छत्तीसगढ़ के 2 दिवसीय प्रवास पर आए अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति मामलों की संसदीय समिति को मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मिलेट्स से बने उत्पाद भेंट किए। इस दौरान मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने संसदीय समिति को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलेट्स मिशन में किये जा रहे कार्याे से अवगत कराया।