‘गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह मॉडल ग्राम पंचायत’ कार्यक्रम का प्रदेश की सभी पंचायतों में विस्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सभी ग्राम पंचायतों में ‘गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह मॉडल ग्राम पंचायत’ कार्यक्रम का विस्तार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश की सभी पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों और पंचायत सचिवों को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम) जॉब-कॉर्ड, सात तरह के रजिस्टर, वर्क फाइल और नागरिक सूचना पटल के बेहतर संधारण और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश पर कार्यक्रम के पहले फेज में वर्ष 2019-20 में प्रदेश की 81 ग्राम पंचायतों को और दूसरे फेज में 2020-21 में 84 पंचायतों को मॉडल बनाया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में तीसरे फेज में प्रदेश की शेष पंचायतों को मॉडल बनाया जाएगा। ग्राम पंचायतों में 20 दिसम्बर से 5 जनवरी 2022 तक इसका क्रियान्वयन किया जाएगा।

राज्य मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने ‘गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह मॉडल ग्राम पंचायत’ कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों के कलेक्टर-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कलेक्टरों को इसमें व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने कहा है। उन्होंने इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों और सावधानियों का अनिवार्य रूप से पालन करने के भी निर्देश दिए हैं। मनरेगा आयुक्त ने कलेक्टरों को कार्यक्रम के समयबद्ध क्रियान्वयन की रूपरेखा और चरणवार गतिविधियों की जानकारी भी प्रेषित की है।

प्रदेश की ग्राम पंचायतों में ‘गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह मॉडल ग्राम पंचायत’ के अंतर्गत चारों गतिविधियों जॉब-कॉर्ड, सात तरह के रजिस्टर, वर्क फाइल और नागरिक सूचना पटल के गहन क्रियान्वयन के लिए पंचायतों के कार्मिकों के क्षमता विकास के लिए विशेष एवं नियमित प्रशिक्षण, जनपद पंचायत और जिला पंचायत स्तर से मॉनिटरिंग तथा मैदानी स्तर पर हुए कार्यों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। कार्यक्रम के पहले और दूसरे फेज में शामिल पंचायतों के ग्राम रोजगार सहायकों और पंचायत सचिवों का उपयोग शेष पंचायतों के कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षक या मास्टर ट्रेनर के तौर पर किया जाएगा। तीसरे फेज में शामिल पंचायतों के कार्मिकों को पहले और दूसरे फेज में बने मॉडल ग्राम पंचायतों का अध्ययन भ्रमण कराया जाएगा। इस दौरान वे ‘गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह मॉडल ग्राम पंचायत’ के कार्यालय में सात रजिस्टर और वर्क फाइल के संधारण के तौर-तरीकों को देखेंगे। वे ग्राम पंचायतों में जॉब-कॉर्ड संधारण एवं अद्यतनीकरण तथा वहां निर्मित नागरिक सूचना पटल का अवलोकन करेंगे। परस्पर परिचर्चा के माध्यम से वे अपने अनुभवों को साझा भी करेंगे।

छह चरणों में होगा क्रियान्वयन, पंचायत कार्मिकों के प्रशिक्षण और दक्षता पर जोर
‘गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह मॉडल ग्राम पंचायत’ कार्यक्रम के क्रियान्वयन को छह चरणों में पूर्ण किया जाएगा। पहले चरण में जिला पंचायत द्वारा पहले और दूसरे फेज में शामिल मॉडल पंचायतों को ‘रिसोर्स ग्राम पंचायत’ के रूप में चिन्हांकित किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए इन ‘रिसोर्स ग्राम पंचायतों’ के ग्राम रोजगार सहायक या पंचायत सचिव का चयन मास्टर ट्रेनर के रूप में किया जाएगा। दूसरे चरण में फेज-1 और फेज-2 में शामिल पंचायतों को छोड़कर शेष पंचायतों, जहां के ग्राम रोजगार सहायकों और पंचायत सचिवों का क्षमता विकास किया जाना है, का क्लस्टर बनाया जाएगा।

तीसरे चरण में जनपद पंचायत के सभाकक्ष या बी.पी.आर.सी. में फेज-3 में चयनित पंचायतों के ग्राम रोजगार सहायकों और पंचायत सचिवों का गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह के क्रियान्वयन पर दो दिनों का विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। सभी ग्राम रोजगार सहायकों एवं पंचायत सचिवों को प्रशिक्षण में चारों गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह से संबंधित अद्यतन दिशा-निर्देश व पत्राचार की प्रतियां ‘बुकलेट’ के रूप में प्रदान की जाएंगी। प्रशिक्षण के पहले दिन कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। दूसरे दिन प्रशिक्षु कार्मिकों से 2020-21 से पूर्ण हुए कार्यों के वर्क फाइल का निर्माण तथा सभी सात रजिस्टरों की रिक्तियों को भरवाया जाएगा। चौथे चरण में सभी पंचायतों के ग्राम रोजगार सहायक और पंचायत सचिव अपने-अपने पंचायत में पूर्ण हुए निर्माण कार्यों की वर्क फाइल तैयार करेंगे और सातों रजिस्टरों को अद्यतन करेंगे। इसके लिए दस्तावेजों की फोटोकॉपी और आवश्यक स्टेशनरी की व्यवस्था संबंधित जनपद पंचायत द्वारा की जाएगी।

पांचवें चरण में जिला स्तर से एक नोडल अधिकारी तथा जनपद पंचायत स्तर से कार्यक्रम अधिकारी व संबंधित तकनीकी सहायक या उप अभियंता गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करेंगे। इस दौरान वे देखेंगे कि सभी कार्यों के नागरिक सूचना पटल सही स्वरूप में बने हैं कि नहीं, और उनमें प्रदर्शित जानकारियां अधूरी तो नहीं हैं। पहले पांच चरणों के क्रियान्वयन के बाद छटवें चरण में जिला पंचायत स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा बैठक में प्रत्येक जनपद पंचायत के कार्यक्रम अधिकारी एवं प्रत्येक क्लस्टर के किसी एक पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक या पंचायत सचिव से गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह के क्रियान्वयन और उन्हें दिए गए प्रशिक्षण के बारे में फीडबैक लिया जाएगा।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.