नई दिल्ली। पंजाब के किसानों द्वारा कृषि कानूनों में बदलाव की मांग को लेकर अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा पास कराए गए संशोधन बिल पर आम आदमी पार्टी (आप) और पंजाब सरकार के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि राज्य केंद्र का कानून नहीं बदल सकता। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केवल नाटक कर रहे हैं।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ”राजा साहिब, आपने केंद्र के कानूनों में संशोधन किया। क्या राज्य केंद्र के कानूनों को बदल सकता है? नहीं। आपने नाटक किया। जनता को बेवक़ूफ बनाया। आपने जो कल कानून पास किए, क्या उसके बाद पंजाब के किसानों को MSP मिलेगा? नहीं। किसानों को MSP चाहिए, आपके फर्जी और झूठे कानून नहीं’।”
राजा साहिब, आपने केंद्र के क़ानूनों को amend किया।क्या राज्य केंद्र के क़ानूनों को बदल सकता है? नहीं। आपने नाटक किया। जनता को बेवक़ूफ़ बनाया। आपने जो कल क़ानून पास किए, क्या उसके बाद पंजाब के किसानों को MSP मिलेगा? नहीं। किसानों को MSP चाहिए, आपके फ़र्ज़ी और झूठे क़ानून नहीं https://t.co/VlrWRCUFY1
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 21, 2020
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन संशोधित बिलों को लेकर शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के दोहरे मापदंडों पर हैरानी जताते हुए कहा है कि इन दोनों पार्टियों ने सदन में इन बिलों का समर्थन करने के कुछ घंटों बाद ही इनकी निंदा करनी शुरू कर दी, इससे स्पष्ट है कि विपक्ष किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि विपक्ष के नेता विधानसभा में बिलों के समर्थन में बोले और बिल पास होने के बाद वे राज्यपाल से मिलने उनके साथ गए, लेकिन अब बाहर कुछ और ही बोली बोल रहे हैं।
गौरतलब है कि, कृषि कानून को लेकर देशभर में हो रहे विरोध के बीच केंद्र सरकार ने बीते दिनों एक बार फिर बताया था कि यह कानून कैसे किसानों के लिए फायदे का सौदा है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि मैं देशभर के किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि ये जो कृषि सुधार के विधेयक हैं, ये किसान के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले हैं। इनके माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता मिलने वाली है। ये किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में मददगार होंगे। इन विधेयकों के माध्यम से किसान नई तकनीक से भी जुड़ेगा। इसके कारण किसान अपनी उपज का सही मूल्य बुआई से पूर्व भी प्राप्त कर सकेगा।