न्यूज़ डेस्क। TRP घोटाला मामले में रिपब्लिक TV के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी TRP मामले में आरोपित नहीं हैं।
इस दौरान मुंबई पुलिस ने कोर्ट में परमबीर का सिंह का साथ देने से इनकार कर दिया। कोर्ट में मुंबई पुलिस पीछे हट गई। कोर्ट में उनके वकील ने भी माना कि रिपब्लिक आरोपित नहीं हैं। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र राज्य और मुंबई पुलिस की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे।
मुंबई पुलिस के रिपब्लिक TV प्रमुख अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के इरादे के बारे में मीडिया हाउस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के सवालों का जवाब देते हुए अदालत ने कहा कि चूँकि अर्नब मामले में आरोपित नहीं हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता। इसलिए, मीडिया हाउस प्रमुख के लिए सुरक्षा के अंतरिम आदेश को पारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
#BREAKING | Mumbai police refuses to back Param Bir Singh in court on TRP case, lawyer admits ‘Republic not an accused’.
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— Republic (@republic) October 19, 2020
रिपब्लिक TV की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से कोर्ट ने कहा, “जहाँ तक अंतरिम संरक्षण का सवाल है, पीठ का मानना है कि यह आवश्यक नहीं है, क्योंकि FIR में रिपब्लिक का कोई उल्लेख नहीं है और तात्कालिकता के मामले में, हम आपको यहाँ तत्काल स्थानांतरित करने की स्वतंत्रता प्रदान करेंगे।”
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को TRP हेरफेर मामले के आरोप में दर्ज एफआईआर में आरोपित बनाने से पहले रिपब्लिक TV के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को समन भेजने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह इस तरह का समन मिलने पर जाँच में शामिल होंगे और सहयोग करेंगे।
#TRPScam : Bombay HC to consider today the writ petition filed by ARG Outlier Media Ltd(company running #RepublicTV) and #ArnabGoswami to quash the Mumbai police FIR alleging manipulation of TRP ratings.
Petitioners moved Bombay HC after sC refused to entertain the plea. pic.twitter.com/Z1ePBxIdT5
— Live Law (@LiveLawIndia) October 19, 2020
पुलिस द्वारा मीडिया को इंटरव्यू देने पर चिंतित होते हुए न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हम केवल वर्तमान मामले के बारे में नहीं कह रहे हैं। यह अन्य संवेदनशील मामलों में भी हो रहा है जहाँ जाँच लंबित है। अधिकारियों से भड़काऊ चीजें बोलने की अपेक्षा नहीं रखी जाती है।” पीठ ने याचिका पर 5 नवंबर को दोपहर 3 बजे से अंतिम सुनवाई शुरू करने पर सहमति जताई है। कोर्ट ने मुंबई पुलिस को 4 नवंबर को सीलबंद कवर में इन्वेस्टिगेशन के दस्तावेज पेश करने का भी निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि 8 अक्टूबर को आयोजित की गई प्रेस वार्ता में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने रिपब्लिक TV और अर्नब गोस्वामी पर कई गम्भीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि चैनल ने TRP से जुड़ी जानकारी में बदलाव करने के लिए आम लोगों को रुपए दिए थे और उनसे कहा गया था कि वह चैनल लगा कर अपना TV चालू रखें। उसी दिन रात तक यह बात भी सामने आ गई कि FIR में कहीं भी रिपब्लिक TV का ज़िक्र नहीं है बल्कि उसमें इंडिया टुडे का नाम शामिल था।
What Arnab says in his plea to quash #MumbaiPolice FIR in #TRPScam :
"Police Commissioner's Statements In TRP Scam Part Of Political Conspiracy Against #RepublicTV": #ArnabGoswami Tells Bombay HChttps://t.co/7SRvtnmPIE
— Live Law (@LiveLawIndia) October 19, 2020
इसके बाद TRP घोटाला मामले में मुंबई पुलिस द्वारा चैनल के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की माँग करते हुए रिपब्लिक TV ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया। रिपब्लिक TV द्वारा दायर याचिका में निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच सुनिश्चित करने के लिए मामले को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित करने के निर्देश देने की माँग की गई थी।