बंगाल: ‘TMC गुंडों’ की पिटाई से BJP समर्थक देबव्रत मैती की मौत, शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘इस मूर्खतापूर्ण हिंसा से सन्न हूँ’

कोलकाता। बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सत्ताधारी TMC द्वारा जारी राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। 3 मई को TMC के गुंडों की पिटाई में घायल गुए नंदीग्राम के बीजेपी समर्थक देबव्रत मैती की गुरुवार (13 मई) को मौत हो गई। वह TMC के ‘गुंडों’ की पिटाई की वजह से गंभीर रूप से घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती थे। ये जानकारी नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराने वाले बीजेपी के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने दी।

शुभेंदु ने ट्वीट किया, ”मेरे निर्वाचन क्षेत्र #नंदीग्राम विधानसभा से आज सदमा पहुँचाने वाला समाचार। #छिलाग्राम गाँव के श्री देबव्रत मैती ने आज दम तोड़ दिया। परिणाम आने के ठीक 1 दिन बाद 3 मई को तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी। पश्चिम बंगाल असली परिवर्तन चाहता था, यह नहीं।”

देबव्रत मैती की मौत के बाद शुभेंदु ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि मैं दुख की इस घड़ी में मैती के परिवार वालों के साथ खड़ा हूँ और मुझे पूरा विश्वास है कि पश्चिम बंगाल के महान लोग भी उनके साथ खड़े हैं।

उन्होंने पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के बाद ट्वीट किया, ”आज रात को मैंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दिवंगत आत्मा के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। आत्मा को शाश्वत शांति मिले। मैं दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा हूँ, न केवल उनके विधायक बल्कि इस पवित्र धरती के बेटे के रूप में भी। मुझे पूरा भरोसा है कि पश्चिम बंगाल के महान लोग भी उनके साथ खड़े होंगे।”

शुभेंदु ने लिखा, ”श्री देवव्रत मैती मेरे निर्वाचन क्षेत्र #नंदीग्राम में मतदाता थे। थे। यकीन नहीं हो रहा है कि इस शब्द का उपयोग कर रहा हूँ। क्या यह मताधिकार का प्रयोग करने का परिणाम है? वोट देने के अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करने के अपराध के लिए उनकी हत्या कर दी गई। इस मूर्खतापूर्ण हिंसा से सन्न हूँ।”

बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही राज्य में जारी राजनीतिक हिंसा में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी के कई कार्यकर्ता की हत्या की जा चुकी है। नतीजे आने के कुछ ही घंटों बाद TMC के गुंडों ने बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की बेरहमी से हत्या कर दी थी।

इसके बाद जगतदल में बीजेपी कार्यकर्ता शोभा रानी मंडल की हत्या कर दी गई थी। शोभा रानी अपने बेटे को तृणमूल कार्यकर्ताओं से बचाने की कोशिश कर रही थीं इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी।

TMC की राजनीतिक हिंसा का आलम ये है कि हजारों हिंदू अपना घर-बार छोड़कर भागने को मजबूर हो गए हैं, जबकि सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं को असम में शरण लेनी पड़ी।

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