नई दिल्ली। राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कांग्रेस और सोनिया गांधी पर एक बड़ा हमला किया। बीजेपी ने सवाल किया कि 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया। कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए बीजेपी अध्यक्ष JP नड्डा ने कहा कि कांग्रेस बताए कि चीन की तरफ से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों दिया गया। उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन से लेकर मेहुल चौकसी से दान लेने के मामले पर भी सवाल खड़े किए। गांधी परिवार द्वारा किए कर्मों के बारे में 130 करोड़ देशवासी जानना चाहता है कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया और किस तरह से आपने देश के विश्वस के साथ विश्वासघात किया है।
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— Jagat Prakash Nadda (Modi Ka Parivar) (@JPNadda) June 27, 2020
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कुछ दिन पहले ट्वीट करके राजीव गांधी फाउंडेशन पर प्रश्न उठाए थे, आज पी चिदंबरम कहते हैं कि फाउंडेशन पैसे लौटा देगा। देश के पूर्व वित्त मंत्री जो खुद बेल पर हों, उसके द्वारा ये स्वीकारना होगा कि देश के अहित में फाउंडेशन ने नियम की अवहेलना करते हुए फंड लिया। जेपी नड्डा ने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी को ये कहना चाहता हूं कि कोरोना के कारण या चीन की स्थिति के कारण मूल प्रश्नों से बचने का प्रयास न करें। भारत की फौज देश की और हमारी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है।
130 करोड़ देश्वासी जानना चाहता है कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया और किस तरह से आपने देश के विश्वास के साथ विश्वासघात किया है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जी जो खुद जमानत पर हैं, को स्वीकारना होगा कि देश के अहित में RGF ने नियम की अवहेलना करके फंड्स लिए। pic.twitter.com/JAygiBpMxm
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बीजेपी अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 सवाल पूछे-
1. राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2009 तक चीन से डोनेशन मिली। 2006 से 2009 तक हर साल टैक्स हैवन देश लक्जमबर्ग से पैसा मिला, जहां हवाला से हवाला होता है। यह किस बात की ओर इंगित करता है? यह राष्ट्रीय हित के साथ समझौता है।
2. बीजेपी अध्यक्ष ने सवाल किया कि रीजनल कॉम्प्रीहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप RCEP का हिस्सा बनने की क्या जरूरत थी? इसमें शामिल होने की जल्दबाजी क्या थी? प्रधानमंत्री मोदी ने इस समूह में शामिल होने के कभी पक्षधर नहीं थे। इस गुट से भारत के किसानों, मझोले-छोटे उद्योगों के हित नहीं साधे जा सकते थे। चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 36.2 बिलियन अमरीकी डॉलर कैसे हो गया? क्या ये चीन से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे के लिए तो नहीं था?
3. कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच सटीक संबंध क्या है? दोनों के बीच टैक्टिक अंडरस्टैंडिंग क्या है? हस्ताक्षरित और अहस्ताक्षरित एमओयू क्या है? देश जानना चाहता है।
जहां हवाला में भी हवाला होता हो वहां से RGF को फंड्स मिलना, ये किस बात की ओर इंगित करता है?
It's a shame that it's a sacrifice of the national interests by accepting money from foreign powers in personal trusts. pic.twitter.com/5rPjVajQGV— Jagat Prakash Nadda (Modi Ka Parivar) (@JPNadda) June 27, 2020
4. नड्डा ने सवाल किया कि राजीव गांधी फाउंडेशन का चीन सरकार की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा वित्त पोषित चाइना एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कॉन्टैक्ट (CAIFC) के साथ क्या संबंध था। राजीव गांधी फाउंडेशन का चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन फाउंडेशन के साथ क्या दोस्ताना रिश्ता था? क्या इसके चलते देश की नीतियों को प्रभावित करने की कोशिश हो रही थी?
5. उन्होंने पूछा कि पीएम नेशनल रिलीफ फंड जो लोगों की सेवा और उनको राहत पहुंचाने के लिए है, उससे 2005-08 तक राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों गया? हमारे देश की जनता इसका जवाब जानना चाहती है। यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों, सेल, गेल, एसबीआई, अन्य पर राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए दबाव बनाया गया। जो एक पर्सनल ट्रस्ट था। देश की जनता इसका कारण जानना चाहती है। क्या मनमोहन सिंह की सरकार राजीव गांधी फाउंडेशन की सेवा के लिए थी?
6. राजीव गांधी फाउंडेशन को गरीबी का नारा लगाकर कॉरपोरेट से बड़े डोनेशन लिए गए और बड़े डोनेशन की जगह पर बड़े कॉन्ट्रेक्ट भी दिए गए।
Our second question to Congress is –
1. What was the need to be a part of RCEP?
2. How did India's trade deficit with China rise from USD 1.1 billion to USD 36.2 billion?
ये कहीं चाइनीज़ एम्बेसी के द्वारा RGF को पैसे के कारण quid pro quo तो नहीं था? pic.twitter.com/9T00PolJQ4
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7. कांग्रेस और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम नेशनल रिलीफ फंड का ऑडिटर कौन है? ठाकुर वैद्यनाथन एंड अय्यर कंपनी ऑडिटर थी। रामेश्वर ठाकुर इसके फाउंडर थे। वो राज्य सभा के सांसद थे और 4 राज्यों के राज्यपाल रहे। कई दशकों तक उसके ऑडिटर रहे। देश जानना चाहता है कि ऐसे लोगों ऑडिटर बनाकर क्या सरकार करना चाह रही थी? आपको पता होना चाहिए कि पीएम नेशनल रिलीफ फंड में एक ट्रस्टी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष भी है।
8. उन्होंने सवाल किया कि जिस कीमती जमीन पर जवाहर भवन बना है, वह राजीव गांधी फाउंडेशन को बेमियादी लीज पर कैसे दे दी गई? करोड़ों रुपये की जमीव उन्हें कैसे दे दी गई? राजीव गांधी फाउंडेशन के खातों की कैग से ऑडिटिंग क्यों नहीं करवाई गई? इस फाउंडेशन पर आरटीआई लागू क्यों नहीं किया गया? क्या कारण है देश जानना चाहता है। मनमोहन सिंह जी आप इसपर क्या कहना चाहेंगे?
9. सिर्फ राजीव गांधी फाउंडेशन को ही पैसा नहीं मिला बल्कि यहां घोटाला हुआ, लेकिन इसे डोनेशन माना गया। मैं जानना चाहता हूं कैसे राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को यह पैसा डोनेट किया गया? इसे परिवार चलाता है।
10. मेरा कांग्रेस से सवाल है कि मेहुल चौकसी से राजीव गांधी फाउंडेशन में पैसा क्यों लिया गया? मेहुल चौकसी को लोन देने में मदद क्यों की गई? देश जानना चाहता है कि राजीव गांधी फाउंडेशन से मेहुल चोकसी के क्या संबंध है?