मुंबई। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना बृहस्पतिवार को कहा कि भारत आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले ‘परेशानी खड़ी करने वाले अपने पड़ोसी’ के साथ शांतिपूर्ण सह अस्तित्व चाहता है। दिवंगत यशवंतराव केलकर स्मृति व्याख्यान को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जातिवाद और धार्मिक कट्टरवाद की घटनाओं से देश का नाम खराब होता है, भले ही ये छिटपुट घटनाएं हों। कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने किया। पीरामल समूह के अध्यक्ष अजय पीरामल भी मौजूद थे।
There is a need for promoting nationalistic outlook among the youth and involving them in constructive nation-building activities. All of us must strive to build a New India that is free of poverty, hunger, discrimination, and inequalities based on caste, creed, and gender. #ABVP pic.twitter.com/cpJdtwCpxg
— Vice President of India (@VPIndia) September 26, 2019
श्री नायडू ने कहा कि हम सभी के साथ हमेशा शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करते हैं, जिसमें हमारा पड़ोसी, मुसीबत खड़ी करने वाला पड़ोसी भी शामिल है, जो आतंकवाद को पाल-पोस रहा, उन्हें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण दे रहा है। नायडू ने कहा कि फिर भी हम उनके साथ शांति से रहना चाहते हैं, बशर्ते वे भी पारस्परिक हों और हमारे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करें। उपराष्ट्रपति ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और धार्मिक कट्टरता पर भी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा अगर ऐसी घटनाएं कहीं भी होती हैं तो उससे देश का नाम खराब होता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जातिवाद और धार्मिक कट्टरवाद, भले ही वे कहीं भी हों, वे सभी हमारे लिए चुनौती हैं। वे हमारे देश का नाम खराब करते हैं। श्री नायडू ने कहा कि युवाओं के बीच राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और उन्हें राष्ट्र निर्माण की रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करने की आवश्यकता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जाति, पंथ और लिंग के आधार पर गरीबी, भुखमरी, भेदभाव और असमानताओं से मुक्त एक नया भारत बनाने के लिए हम सभी को कदम उठाना चाहिए। हमारा यही एजेंडा है।