कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने चौंकाने वाले दावे किए हैं। गुरुवार (14 मई 2021) को प्रेस को जारी बयान में संगठन ने कहा है कि इस हिंसा से बंगाल के 3500 से ज्यादा गाँव प्रभावित हुए हैं। 40 हजार से अधिक हिंदू पीड़ित हैं। इनमें बड़ी संख्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के लोगों की है।
वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने न्यायपालिका और हिंदू समाज से इसका संज्ञान लेने का आह्वान किया है। प्रेस रिलीज में उन्होंने दावा किया है कि हिंसा के दौरान बंगाल में कई जगह महिलाओं पर बर्बर अत्याचार हुआ। खेतों, दुकानों और घरों को नष्ट कर दिया गया। लूट और मारपीट नहीं करने के एवज में उनसे जबरन पैसा वसूला जा रहा। मछली व्यवसाइयों के तालाबों में जहर डाल दिया गया। संगठन ने दावा किया है कि इन सभी अत्याचारों में मुख्य रूप से कट्टरपंथी इस्लामिक जिहादियों के शामिल होने की बात सामने आई है।
परांडे ने कहा है कि कई जगहों पर हिंदुओं से उनके आधार, वोटर और राशन कार्ड समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज छीन लिए गए। पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाते हुए इनके नुकसान की भरपाई तथा पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की माँग की है। साथ ही हिंसा के पीड़ितों पर किए गए झूठे मुकदमे निरस्त करने और छीने गए दस्तावेज दोबारा उपलब्ध करने की माँग रखी है। पीड़ितों की मदद के लिए हिंदू समाज से भी आगे आने की अपील की है।
इससे पहले VHP ने बंगाल हिंसा को लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। इसमें टीएमसी गुंडों की हिंसा पर रोक के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से तत्काल हस्तक्षेप की माँग की गई थी।
Press Statement:
VHP requests judiciary and the society for victims of Bengal Violence pic.twitter.com/QVV5jfmLxn— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) May 14, 2021
विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग करते हुए पत्र में लिखा था, “पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद से सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं एवं जिहादियों ने जिस प्रकार हिंसा का तांडव चला रखा है, उससे पूरा देश चिंतित है।पश्चिमी बंगाल के न्यायप्रिय नागरिकों को दंगाइयों के हाथों में सौंप दिया गया है। यह सब मुस्लिम लीग के ‘डायरेक्ट एक्शन’ की याद दिलाता है।”
बंगाल में दो मई को चुनावी नतीजों में TMC की जीत सुनिश्चित होने के बाद हिंसा के मामले सामने आए थे। विपक्षी दलों खासकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं, उनके घरों और दफ्तरों को निशाना बनाया गया था। इसके बाद विहिप ने राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की माँग की थी।