कोलकाता। लगता है कि बीजेपी के तुष्टिकरण के आरोपों से परेशान टीएमसी चुनाव से पहले पूरी तरह सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ चली है। 26 फरवरी को चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपने घर पर पूजा करवाने की बात खुद उनकी पार्टी के लोग कह चुके हैं। अब जानकारी आ रही है कि वो 11 फरवरी को नंदीग्राम से अपना नामांकन दाखिल करेंगी। ममता का 11 फरवरी को पर्चा भरना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह महाशिवरात्रि का पवित्र दिन है। टीएमसी सुप्रीमो इसबार सबसे मुश्किल चुनावी टक्कर का सामना कर रही हैं, ऐसे में उनका बदला हुआ सियासी अंदाज आगे क्या गुल खिलाता है, यह देखना दिलचस्प हो गया है।
ममता बनर्जी की सियासत में अचानक आया यह करवट बहस का अलग विषय है। लेकिन, अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब यही होगा कि इसबार भाजपा वाले अगर ‘जय श्रीराम या जय सियाराम’ के जयकारे लगाएंगे तो टीएमसी के लोग ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ का ‘जयघोष’ करेंगे। गौरतलब है कि चुनाव तारीखों की घोषणा से पहले भी ममता बनर्जी ने अपने आवास पर विस्तार से पूजन का आयोजन करवाया था और दावा किया जा रहा है कि इसके लिए पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर से पंडितों को बुलाया गया था। अबतक बीजेपी टीएमसी पर ‘राम द्रोही’ होने का आरोप लगाती आई है। खासकर जब नेताजी पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लगे जय श्रीम के नारे पर सीएम जिस कदर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं, उसके बाद भाजपा को उनके खिलाफ इस मुद्दे को तूल देने का मौका मिल चुका है।