नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन का दुनिया पर असर पड़ा है और केवल हरियाली ही इस संकट का समाधान कर सकती है। कोयला मंत्रालय के वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में इस बात पर जोर दिया गया है कि किसी को भी प्रकृति का दोहन नहीं करना चाहिए बल्कि इसके साथ सहयोग करना चाहिए। गृह मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, शाह ने छह ईको-पार्क और पर्यटन स्थलों की आधारशिला रखी। पौधारोपण कार्यक्रम भारत भर के दस कोयला और लिग्नाइट समृद्ध राज्यों के 38 जिलों में 130 से अधिक स्थानों पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चलाया गया।
आज रुद्राक्ष का पौधा लगा कर @CoalMinistry के ‘वृक्षारोपण अभियान-2020’ का शुभारंभ किया और साथ ही 6 इको पार्क्स/पर्यटन स्थलों का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया।
वृक्ष मानव जीवन के अभिन्न अंग हैं, आज जलवायु परिवर्तन से पूरी दुनिया डरी हुई है और केवल वृक्ष ही हमें इससे बचा सकते हैं। pic.twitter.com/DjmVeF8mfb
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) July 23, 2020
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का दुनिया पर असर पड़ा है और केवल हरियाली ही इस संकट का समाधान है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय विरासत का मुख्य मंत्र है कि हमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करना चाहिए न कि उनका दोहन करना चाहिए। हमने इस सिद्धांत की उपेक्षा की जिससे ओजोन के परत में क्षति हुई और ओजोन छिद्र बने जिसके कारण वैश्विक तापमान बढ़ा और जलवायु परिवर्तन हो रहा है।’’ गृह मंत्री ने कहा कि इस समस्या का केवल एक समाधान है और उनमें से एक का वर्णन ‘पुराणों’ में मिलता है कि वृक्ष मानवता के हितैषी हैं और केवल हरियाली ही लोगों को इस संकट से उबार सकती है।
शाह ने कहा कि वृक्षों की कई प्रजातियां 100 से 150 वर्षों तक मानवता की सेवा करती हैं और ‘पीपल’ उन वृक्षों में शामिल है जो सौ फीसदी ऑक्सीजन देता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार विभिन्न कोयला क्षेत्रों में वनरोपण को बढ़ावा दे रही है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खनन वाले इलाकों में विकास के लिए 39 हजार करोड़ रुपये की लागत से जिला खनिज कोष बनाया है और 35 हजार छोटी परियोजनाओं को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि कोयला सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है और आने वाले समय में यह अपनी महत्ता बरकरार रखेगा।