नई दिल्ली। बीती रात आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव के काफिले पर फायरिंग करने के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। ज्ञात हो कि इस घटना में ‘आप’ के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। पुलिस ने जानकारी दी है कि ये मामला पूरी तरह मृत से निजी दुश्मनी का है, इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। पुलिस ने बताया कि आरोपी और मृतक का पुराना व्यक्तिगत विवाद था। 2019 में आरोपी के भतीजे को गोली लगी थी। आरोपी को 2019 की घटना के पीछे मृतक पर शक था। उसने मृतक को 15 दिन पहले धमकी भी दी थी। एडीसीपी इनगीत प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि गोली का निशाना नरेश यादव नहीं बल्कि मृत शख्स ही था।
ज्ञात हो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले महरौली के विधायक नरेश यादव के काफिले मंगलवार को फायरिंग हुई थी। न्यूज एजेँसी एएनआई के मुताबिक, इस फायरिंग में पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत भी हो गई था जबकि एक घायल बताया हुआ था। गोलीबारी की यह घटना उस समय हुई जब नरेश यादव चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मंदिर से दर्शन कर वापस लौट रहे थे। इस मामले में पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की है और सभी एंगल से इसकी जांच शुरू कर दी।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने नरेश यादव को महरौली विधानसभा से उम्मीदवार घोषित किया था। मंगलवार को आए चुनाव परिणाम में नरेश यादव ने बंपर जीत हासिल की है। नरेश कुमार यादव को 62301 वोट मिले। जबकि इस बीजेपी ने इस सीट से कुसुम खत्री को मैदान में उतारी थी लेकिन उनको जीत हासिल नहीं हुई। कुसुम के खाते में 44085 वोट मिले हैं। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार एए महेंदर चौधरी 6936 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहे हैं।