नई दिल्ली। कोरोना के इलाज से प्लाज्मा थेरेपी हटा दी गई है तो वहीं ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि बच्चों पर ट्रायल 10 से 12 दिन में शुरू हो जाएगा। पहले कोरोना वैक्सीन पर निगाह रखने वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने इसके ट्रायल की सिफारिश की थी।
#NewsAlert | Covaxin gets permission to conduct trial on kids. The trial is likely to start in 10 days. pic.twitter.com/6daD43DQJA
— TIMES NOW (@TimesNow) May 18, 2021
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया, “कोवैक्सिन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा 2 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में चरण II / III नैदानिक परीक्षणों के लिए मंजूरी दे दी गई है। मुझे बताया गया है कि परीक्षण अगले 10-12 दिनों में शुरू हो जाएगा।”
जानकारी के मुताबिक, भारत बायोटेक की ओर से ये ट्रायल 525 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा। ये 2 से 18 साल के बच्चों पर किया जा रहा कोवैक्सिन के क्लीनिकल ट्रायल का फेज़ 2 और फेज़ तीन होगा। ट्रायल के दौरान पहली और दूसरी वैक्सीन का डोज़ 28 दिनों के अंतर पर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि भारत में अभी कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप चल रहा है। इस लहर ने देश के स्वास्थ्य सिस्टम को झकझोर दिया है, हालाँकि अब स्थिति सुधार की ओर है। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि भारत में अभी कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी और इसमें बच्चों पर सबसे ज्यादा असर होगा।
दुनिया में अभी बेहद कम देश हैं, जहाँ पर बच्चों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया है। हालाँकि, अमेरिका में फाइज़र की वैक्सीन को मंजूरी मिली है, जो अब 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों लगाई जा रही है।
वहीं केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए क्लिनिकल परामर्श (clinical guidance) में संशोधन किया है। सरकार ने सोमवार (मई 17, 2021) को मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया। सरकार ने पाया कि कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों में कमी लाने में मददगार साबित नहीं हुई है।
AIIMS/ICMR-COVID-19 National Task Force/Joint Monitoring Group, Ministry of Health & Family Welfare, Government of India revised Clinical Guidance for Management of Adult #COVID19 Patients and dropped Convalescent plasma (Off label). pic.twitter.com/Dg1PG5bxGb
— ANI (@ANI) May 17, 2021
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि कार्यबल ने क्लीनिकल गाइडेंस फार मैनेजमेंट आफ अडल्ट कोविड-19 पेशेंट्स को संशोधित कर दिया है और उसमें से स्वस्थ हुए व्यक्ति के प्लाज्मा (ऑफ लेबल) को हटा दिया है। पिछली गाइडलाइंस में मध्यम स्तर की बीमारी के शुरआती दौर में (लक्षण दिखने के सात दिनों के भीतर) प्लाज्मा थेरेपी के ‘ऑफ लेबल’ इस्तेमाल की सिफारिश की गई थी।