नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पुरी के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में गैर जमानती वारंट को रद्द करने से मना कर दिया। निचली अदालत ने बैंक कर्ज फर्जीवाड़े से जुड़े धन शोधन के एक अलग मामले में मंगलवार को उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 6 दिन की हिरासत में भेज दिया था। अदालत का ताजा आदेश ऐसे समय आया है, जब एक दिन पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसी मामले में अग्रिम जमानत की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने गैर जमानती वारंट रद्द करने की पुरी की याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि राहत देने का कोई आधार नहीं है। पुरी ने यह कहते हुए अदालत का रूख किया था कि गैर जमानती वारंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक अलग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पुरी को गिरफ्तार किया था। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे आरोपी रतुल पुरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट को रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला। आरोपी की याचिका खारिज की जाती है।’’ आदेश में कहा गया कि ईडी के लगातार नोटिसों के बावजूद आरोपी अलग-अलग तारीखों पर जांच में शामिल नहीं हुए। अदालत ने कहा, ‘‘अपने बयान पर दस्तखत किए बिना आरोपी 26 जुलाई को ईडी कार्यालय से चला गया था। वह नहीं मिला और उसके ठिकाने की भी जानकारी नहीं मिल पायी।’’
अदालत ने ED की दलील का भी उल्लेख किया, जिसमें आरोपी द्वारा सबूत से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका प्रकट की गयी है। मामला इटली की फिनमैकेनिका की सहायक ब्रिटिश कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 VVIP हेलीकॉप्टर की खरीद में कथित अनियमितता से जुड़ा है। राजग सरकार ने 2014 में निविदा की शर्तों के कथित उल्लंघन और समझौते के लिए रिश्वत के आरोपों के बाद सौदे को खत्म कर दिया था।