वाराणसी। आज ‘मकर संक्रांति’ का पावन पर्व है , आज ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं। आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की प्रथा है। माना जाता है कि ऐसा करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत हो जाता है। आज के दिन लोग सुबह से ही गंगा सागर में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। कहा भी जाता है कि ‘सारे तीर्थ कई बार , गंगा सागर एक बार’। इस क्त पश्चिम बंगाल के गंगासागर में गंगा स्नान के लिए 3 लाख लोग जुटे हैं।
मालूम हो कि इस स्थान को गंगा सागर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां पर नदी सागर में आकर मिलती है। माना जाता है कि गंगासागर में संक्रान्ति के दिन स्नान करने से व्यक्ति को 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने का फल प्राप्त होता है और इसी कारण लोग उत्तरायण के दिन यहां दूर -दूर से स्नान करने आते हैं।
आज के दिन सूर्य को अर्ध्य देने की भी परंपरा है और आज उनकी खास पूजा की जाती है। अर्ध्य देते वक्त निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना चाहिए
- ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
- अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
- ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
सूर्यदेव के मंत्र
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
- ॐ ह्रीं घृणिः
- सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
- ॐ सूर्याय नम:
- ॐ घृणि सूर्याय
सूर्य पूजा के लाभ
- सूर्यदेव शक्ति का प्रतीक हैं इसलिए इनकी पूजा करने से इंसान को ताकत की प्राप्ति होती है।
- सूर्यदेव इंसान को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
- जो लोग संतान सुख नहीं पा रहे हैं उन्हें भी सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए, सूर्यदेव लोगों की झोली भर देते हैं।
- पिता-पुत्र के संबंधों में विशेष लाभ के लिए सूर्य साधना पुत्र को करनी चाहिए। वैसे भी आज का दिन पिता-पुत्र के रिलेशन के लिए काफी बढ़िया है।