15 अगस्त का दिन हर भारतवासी के लिए एक बेहद ही खास दिन है। इसी दिन पूरे भारतवर्ष को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। इस स्वतंत्रता प्राप्ति में कई वीर और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहूति दे दी। ब्रिटिश शासन के 200 साल की गुलामी से स्वतंत्रता पाना इतना भी आसान नहीं था। देश इस बार स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको भारत के स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं से रूबरू करवा रहे हैं-
ऐसे मिली आजादी
साल 1945 में जब दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ तब उस समय ब्रिटिश आर्थिक रूप से कमज़ोर हो चुके थे। यहां तक कि उनके लिए इंग्लैंड में स्वयं का शासन चलाने में भी संघर्ष की स्थिति का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में भारत में शासन करना तो उनके लिए काफी कठिन था। वहीं दूसरी ओर, सुभाष चन्द्र बोस और महात्मा गांधी जैसी शख्सियतों ने लोगों के मन में पूर्ण स्वराज्य की भावना का उदय कर दिया था और उनके लगातार प्रयासों ने ब्रिटिश हुकूमत की नाक में दम कर दिया था। जिसके बाद उनके पास भारत को छोड़कर जाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं था।
कुछ इस तरह तय हुआ 15 अगस्त का दिन
आप यकीनन यह जानना चाहेंगे कि विशेष रूप से 15 अगस्त के दिन को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में क्यों चुना गया? इसका श्रेय लार्ड माउंटबेटन को जाता है। शुरूआती तौर पर, ब्रिटेन द्वारा भारत को जून 1948 तक सत्ता हस्तांतरित किया जाना प्रस्तावित था। लेकिन जब फरवरी 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन ने सत्ता प्राप्त की तो उन्होंने भारतीय नेताओं के बीच आम सहमति का क्रम बनाना शुरू कर दिया। लेकिन जिन्ना और नेहरू के बीच द्वन्द्व के कारण उन्हें पहले ही भारत की स्वतंत्रता का दिन तय करना पड़ा। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए 15 अगस्त का दिन तय किया क्योंकि इस दिन को वे अपने कार्यकाल के लिए बेहद लकी मानते थे। ऐसा इसलिए भी था, क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1945 में 15 अगस्त के ही दिन जापान की सेना ने उनकी अगुवाई में ब्रिटेन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस तरह 15 अगस्त 1947 जापान के सरेंडर की दूसरी बरसी थी।
इन देशों के लिए भी खास है यह दिन
वैसे 15 अगस्त का दिन सिर्फ भारत के लिए ही खास नहीं है, बल्कि 15 अगस्त की तारीख को दक्षिण कोरिया, बहरीन और कांगो देश में भी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। हांलाकि दक्षिण कोरिया को साल 1945, बहरीन को 1971 और कांगो को 1960 में आजादी मिली थी।
ऐसे मनाते हैं स्वतंत्रता दिवस
देश की आजादी के दिन को सेलिब्रेट करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बता दें कि 1947 को जब देश आजाद हुआ था, तब देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया था और भाषण दिया था। यह परंपरा आज भी कायम है। आज भी हर साल 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं और भाषण देते हैं। वहीं, आम लोग अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए इस दिन पतंगें उड़ाते हैं। यह कहीं ना कहीं गुलामी की जंजीरों को तोड़कर स्वतंत्र आकाश में विचरने का एक प्रतीक स्वरूप है।