नई दिल्ली। PM नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 जारी की और कहा कि देश आज दुनिया में बाघों के लिये सबसे सुरक्षित और सबड़े बड़े पर्यावास क्षेत्रों में से एक के रूप में उभर कर सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में बाघों की संख्या 2014 की 1400 से बढ़कर 2019 में 2977 हो गई है। मोदी ने कहा, ‘‘आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत करीब 3 हज़ार बाघों के साथ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित पर्यावास में से एक है।’’उन्होंने कहा कि विकास या पर्यावरण की चर्चा पुरानी है। हमें सहअस्तित्व को भी स्वीकारना होगा और सहयात्रा के महत्व को भी समझना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं महसूस करता हूं कि विकास और पर्यावरण के बीच स्वस्थ संतुलन बनाना संभव है। हमारी नीति में, हमारे अर्थशास्त्र में, हमें संरक्षण के बारे में संवाद को बदलना होगा।
Releasing the results of All India Tiger Estimation. #InternationalTigerDay https://t.co/b73ADzson4
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2019
’’उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में जहां देश में अगली पीढ़ी के आधारभूत ढांचे के लिए तेजी से कार्य हुआ है, वहीं भारत में वन क्षेत्र का दायरा भी बढ़ रहा है। देश में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। मोदी ने कहा कि 2014 में भारत में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 692 थी जो 2019 में बढ़कर अब 860 से ज्यादा हो गई है। साथ ही सामुदायिक संरक्षित क्षेत्रों की संख्या भी साल 2014 के 43 से बढ़कर अब सौ से ज्यादा हो गई है।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से यही कहूंगा कि जो कहानी ‘एक था टाइगर’ के साथ शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वो वहीं न रुके।
आओ आज अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर हम सभी लोग बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प लें तथा जनमानस में इसके प्रति जागरूकता फैलाएं।#InternationalTigerDay#TigerStateOfIndia pic.twitter.com/reVdwvSEoa
— Lok Sabha Speaker (@loksabhaspeaker) July 29, 2019
केवल ‘‘टाइगर जिंदा है’’, से काम नहीं चलेगा। बाघ संरक्षण से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत आर्थिक एवं पर्यावरण के दृष्टिकोण से समृद्ध होगा। भारत अधिक संख्या में सड़कें बनायेगा और देश में अधिक संख्या में स्वच्छ नदियां होंगी। भारत में अधिक रेल सम्पर्क होगा और अधिक संख्या में वृक्षों का दायरा बढ़ेगा।