मुंबई। मुंबई की महापौर किशेारी पेडनेकर ने महानगर में कोविड-19 रोगियों की सेवा के लिए अपना पुराना यूनिफॉर्म फिर से पहन लिया है। वह पहले नर्स रह चुकी हैं। शिवसेना पार्टी के एक नेता ने कहा कि वह देर रात की पाली में अपनी सेवाएं देंगी। शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, ”यह हमारे मुंबई की सम्मानित महापौर हैं किशोरी पेडनेकर जी। वह रोज सुबह आठ बजे से देर रात दो बजे तक काम करती हैं और अब महानगर की सेवा के लिए उन्होंने नर्स का यूनिफॉर्म भी पहन लिया है।”
उन्होंने कहा, ”जो लोग उनके बारे में अपमानजनक ढंग से ट्वीट करते रहे हैं उन्हें सबक लेना चाहिए। खुद से पहले काम।” महापौर ने ट्वीट किया, ”मुंबई के लिए कुछ भी। हम घर से काम नहीं कर सकते, हम आपके लिए क्षेत्र में हैं, घर पर रहिए, ख्याल रखिए… मैं नैयर अस्पताल में हूं।
*AnythingForMumbai* We cant do work from home, we are on the field for you, stay at your home, take care….#covid19
At Nair Hospital@mybmc @AUThackeray pic.twitter.com/LEWnPPw5oW— Kishori Pednekar (@KishoriPednekar) April 27, 2020
वहीं, महाराष्ट्र के नासिक जिले में रविवार (26 अप्रैल) रात से सोमवार (27 अप्रैल) दोपहर के बीच कोविड-19 के 7 नए मामलों की पुष्टि हुई जिससे जिले में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 149 पहुंच गई। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि रविवार को संक्रमित पाए गए कुल छह में पांच कोविड-19 से संक्रमित मरीज के करीबी थे। छठवां व्यक्ति जिला सिविल अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक है। सोमवार को हमें 440 नमूनों की जांच रिपोर्ट मिली जिनमें सिर्फ एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 149 पहुंच गई है जिनमें 127 मरीज मालेगांव, 11 नासिक शहर और 11 तालुकाओं से हैं।
— Kishori Pednekar (@KishoriPednekar) April 27, 2020
दूसरी ओर, महाराष्ट्र में अमरावती के 72 साल के मृत व्यक्ति के स्वाब नमूने के जांच रिपोर्ट में सोमवार (27 अप्रैल) को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। इस व्यक्ति की 24 अप्रैल को मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को 20-30 साल के दो युवकों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसके बाद जिले में संक्रमित लोगों की तादाद 23 हो गई है। कलक्टर शैलेश नवल ने कहा कि जिले में कोरोना वायरस के 12 सक्रिय मामले हैं। अब तक इस संक्रमण से सात लोगों की मौत हो चुकी है और चार इलाज के बाद ठीक होकर घर जा चुके हैं।