नई दिल्ली। कोरोना टीके की शीशी एक बार खुल जाने के बाद उसे चार घंटे के अंदर पूरी तरह इस्तेमाल करना होगा। ऐसा नहीं करने पर बाकी खुराक बेकार चली जाएगी और उसे नष्ट करना होगा। वरिष्ठ चिकित्सकों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड की पहली खेप 12 जनवरी को राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (RGSSH) में पहुंची थी। भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन टीके की खेप यहां अगले दिन पहुंची थी जिसका इस्तेमाल एम्स और आरएमएल अस्पताल समेत छह जगहों पर किया जा रहा है।
RGSSH उन 75 स्थलों में शामिल हैं जहां चिकित्सकों और अन्य लाभार्थियों को कोविशील्ड टीके लगाए जा रहे हैं। अस्पताल की प्रवक्ता छवि गुप्ता ने कहा-टीके की पांच मिलीलीटर की प्रत्येक शीशी में कुल 10 खुराक होती हैं, एक बार खुलने के बाद सभी 10 खुराकों को चार घंटे के अंदर इस्तेमाल करना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि कोरोना टीके पर जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया देना, भय फैलाना और गलत सूचना प्रसारित करना बेहद निंदनीय है। इससे पहले भारत बायोटेक ने तथ्यपरक पत्र जारी किया जिसमें बताया गया है कि कोवैक्सीन टीका किन विशेष परिस्थितियों में नहीं दिया जाना चाहिए।
इस पर कुछ लोगों ने सवाल उठाते हुए पूछा था कि ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी जनता के सामने पहले क्यों नहीं रखी गई। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने 15 जनवरी को किए अपने एक ट्वीट का हवाला दिया जिसमें उन्होंने ऐसे लोगों के बारे में जानकारी दी थी जिन्हें टीका नहीं दिया जाना चाहिए। हर्षवर्धन ने ट्वीट किया- जानकारी प्राप्त करने का प्रयास न करके जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया देना, भय फैलाना और गलत सूचना देना अत्यंत निंदनीय है। भारत बायोटेक ने कहा है कि गर्भवती या बच्चों को आंचल का दूध पिलाने वाली महिलाओं और तेज बुखार, एलर्जी और रक्तस्राव जैसी बीमारियों वाले लोगों को टीका नहीं दिया जाना चाहिए।