न्यूज़ डेस्क। कांग्रेस के नेता और उनकी राज्य सरकारें वैक्सीन की कमी को लेकर विलाप कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में कहीं वैक्सीन को कचरे में फेंका जा रहा है, तो कहीं वैक्सीन की कालाबाजारी हो रही है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस शासित राज्यों पर वैक्सीन को लेकर राजनीति और कालाबाजारी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में लोगों को मुफ्त में लगायी जाने वाली वैक्सीन निजी अस्पतालों को बेची जा रही है।
अनुराग ठाकुर ने वैक्सीन कालाबाजारी का गणित समझाते हुए ट्वीट किया है कि केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से वैक्सीन खरीदकर 400 रुपये प्रति डोज की दर से राज्यों को देती है, वहीं वैक्सीन पंजाब की सरकार निजी अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति डोज की दर में बेच देती है। वहीं टीका निजी अस्पताल जनता को 1560 रुपये प्रति डोज के हिसाब से लगाते हैं।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक जो टीका जनता को मुफ्त में मिलना चाहिए था, वो कांग्रेस शासित राज्य में 3120 रुपये में लग रहा है। यानि पंजाब में कांग्रेस की ‘वन टू का फ़ोर पॉलिसी’ के तहत टीकाकरण हो रहा है। इस टीकाकरण अभियान के तहत पंजाब सरकार और निजी अस्पताल अपनी तिजोरी भर रहे हैं। लेकिन गरीब लोगों का हक मारकर उन्हें वैक्सीन से वंचित कर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
कांग्रेस शासित राज्यों में लोगों को सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन नहीं मिल रही है। यहां तक कि वैक्सीन की कमी की वजह से वैक्सीनेशन सेंटर को बंद करने की खबरें आ रही है। यह सब एक रणनीति के तहत हो रहा है। ताकि लोगों को निजी अस्पतालों से वैक्सीन खरीदने के लिए मजबूर किया जा सके। साथ ही जनता को गुमराह कर केंद्र सरकार को बदनाम किया जा सके। ये सरसार जनता के साथ विश्वासघात है।
दरअसल कांग्रेस शासित राज्यों ने कोरोना वैक्सीन को राजनीतिक और आर्थिक अवसर के रूप में बदल दिया है। कांग्रेस शासित राज्य जहां वैक्सीन की आपूर्ति में कमी का आरोप लगाकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं मुफ्त में लगायी जाने वाली वैक्सीन को निजी अस्पतालों को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं और एक नए घोटाले को अंजाम दे रहे हैं।