नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अहम फैसला लेते हुए 2 जनवरी को देशभर में कोरोना वैक्सीन के लिए ड्राई रन करना तय किया है। इसको लेकर सभी राज्यों को दिशानिर्देश भेज दिया गया है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में आम लोगों की सीमित सहभागिता होगी। खासकर मेडिकल सेवाओं या फिर आसन्न टीकाकरण से जुड़ी टीम के लिए ये अहम परीक्षा होगी। इससे पहले इसी तरह का ड्राई रन आंध्र प्रदेश सहित चार राज्यों में किया गया था। जो पूरी तरह सफल रहा।
नए साल पर कोरोना वायरस वैक्सीन लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी। 2 जनवरी से देश के हर राज्य में जिस तरह से कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन की सरकार ने तैयारी की है, जिससे साफ लगता है कि अब वैक्सीन को अंतिम मंजूरी मिलने में बहुत कम वक्त बाकी है। समुचित मंजूरी मिलते ही सरकार सुरक्षित तरीके से लोगों के टीकाकरण के काम में जुट जाएगी।
इससे पहले पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन सफलतापूर्व पूरा किया गया। इस पूरी कवायद पर शामिल कर्मियों से फीडबैक ली गई। पूरी प्रक्रिया की खुद जिलाधिकारी ने निगरानी की। खामियों पर रिपोर्ट तैयार की गई। अब पूरी मुस्तैदी के साथ पूरे देशभर में ड्राई रन की कवायद शुरू होने वाली है।
क्या होता है वैक्सीन ड्राई रन?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वैक्सीन ड्राई रन के तरीकों के बारे में विस्तार से सभी राज्यों को जानकारी दी है। राज्यों को ड्राई रन के हिसाब से किसी खास दो शहरों को चुनना है। इसके बाद वैक्सीन के ट्रांस्पोर्टेशन, अस्पताल तक पहुंचाने, व्यक्ति को अस्पताल बुलाने, फिर वैक्सीन लगाने की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। सब कुछ ऐसे ही किया जाएगा जैसे वास्तव में वैक्सिनेशन की प्रक्रिया में अपनाया जाना है। इस दौरान प्रशासन के आलाधिकारी निगरानी करेंगे।
Covin मोबाइल ऐप के जरिए होगा काम
सरकार ने वैक्सिनेशन के लिए कोविन मोबाइल ऐप बनवाया है। इस ऐप को ड्राई रन के दौरान फंक्शनल किया जाएगा। ड्राई रन के दौरान कोविन ऐप पर निबंधन कराया जाएगा। इसके बाद एसएमएस के जरिए डोज देने वाले व्यक्ति को जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्यकर्मियों को इस दौरान किस तरह के परिधान में होना है और कौन कौन सी सावधानियां बरतनी है, इसके बारे में पहले ही बता दिया गया है।
वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी की खास बातें
इससे पहले चार राज्यों में चले ड्राई रन के दौरान वैक्सीन के स्टोरेज से लेकर लोगों को जानकारी देने और डोज देने तक की प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें ऑनलाइन तरीकों का इस्तेमाल किया गया। पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अपने संबोधन में कई सकारात्मक बातें कही है। पीएम के मुताबिक वैक्सीन अब अपने अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि कोरोना का टीकाकरण दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम होगा।
अफवाहों से बचने की चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को पहले ही आगाह किया है कि वे वैक्सीन को लेकर अफवाहों से बचें। इस बारे में किसी भी मैसेज पर यूंही भरोसा न करें। वैक्सीन की मंजूरी तमाम जांच पड़ताल के बाद ही दी जा रही है। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार की जा रही कोविशील्ड को लेकर एक्सपर्ट कमेटी की बैठक संपन्न हो चुकी है। अगली बैठक 1 जनवरी को होने वाली है। ब्रिटेन में पहले ही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि भारत में भी इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी।