शहरों के चौराहों से लेकर सुदुर अंचलों के खेत-खलिहानों तक मुख्यमंत्री की लोकवाणी की रही गूंज

रायपुर। हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ में हुई अच्छी वर्षा ने किसानों का उत्साह दोगुना कर दिया है। खेत खलिहानों में किसान उत्साह से काम कर रहे हैं। नई सरकार के जन हितैषी फैसलों से राज्य में उत्साह का नया वातावरण बना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली की रेडियोवार्ता लोकवाणी की गूंज आज शहरों के चौक-चौराहों से सुदूर अंचलों के खेत खलिहानों तक रही। स्कूल, आश्रम, छात्रावासों कालेजों में भी बच्चों ने बड़े उत्साह से लोकवाणी को सुना। मुख्यमंत्री का रेडियो वार्ता के जरिए जनता से मुखातिब होना लोगों को काफी पसंद आ रहा है।

मुख्यमंत्री की रेडियोवार्ता को राजधानी रायपुर के साथ ही सुदुर अंचल के गांवों और कस्बों में भी आम नागरिकों, किसानों और युवाओं ने नई सरकार के द्वारा सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर लिए जा रहे फैसलों की तारीफ की। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में सुराजी गांव योजना को लेकर खासा उत्साह है। राज्य के मैदानी भागों में मुख्य रूप से धान की खेती होती है। धान की खेती के बाद गांवों में मवेशियों को खुले में छोड़ दिया जाता है जिसके कारण किसान सिंचाई के साधन होने के बावजूद दूसरी फसल नहीं ले पाते हैं। अब गौठान बनने से यह समस्या दूर हो जाएगी। योजना के तहत नदी-नालों के पुनर्जीवन से किसानों को दूसरी फसल के लिए सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। किसानों का मानना है कि पहली बार कोई सरकार किसानों और खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए इतना ध्यान दे रही है।

राज्य में हरेली, तीजा, छठ, मां कर्मा की जयंती और विश्व आदिसवासी दिवस पर अवकाश से राज्य के लोगों का स्वाभिमान बढ़ा है, इससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। गांव में रहने वाले बताते हैं कि सामान्य अवकाश की घोषणा से खेती और संस्कृति का आपस में रिश्ता और मजबूत हुआ है। इस वर्ष हरेली त्योहार में बरसों बाद युवाओं में गेड़ी चढ़ने में उत्साह दिखा है।

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