रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि, उद्यानिकी एवं वनोपज, सहित हैण्डलूम-कोसा आदि विविध उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन एवं विक्रय को बढ़ावा देने के लिए आज से राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेताओं का सम्मेलन प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फीता काटकर सम्मेलन का शुभारंभ किया। सम्मेलन में 16 देशों के 57 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि एवं क्रेतागण तथा देश के विभिन्न राज्यों से 60 प्रतिनिधि एवं क्रेतागण पहुंचे हैं। शुभारंभ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य मंडी बोर्ड के साथ चार और छत्तीसगढ़ राज्य हैण्डलूम को-ऑपरेटिव फेडरेशन के साथ चार इस तरह कुल आठ अनुबंध पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए। सम्मेलन में कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी तथा जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे, मुख्य सचिव सुनील कुजूर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहे इस सम्मेलन में पहुंचे विदेशी मेहमानों का अपनी तथा मेहतनकश किसानों की ओर से तहेदिल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि किसानों का कल्याण राज्य सरकार की पहली और सबसे सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस सम्मेलन का आयोजन कृषि, हैण्डलूम और हस्तशिल्प उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराना और किसानों और कृषि उत्पाद से जुड़े विभिन्न संगठनों को आपस में जोड़ना है। राज्य सरकार की इस पहल का क्रेता और विक्रेता दोनों तरफ से सराहना मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान मेहनतकश, कर्मठ और ईमानदार है। रायपुर केवल छत्तीसगढ़ की ही राजधानी नहीं बल्कि विविध कृषि उत्पाद और वनौषधि की भी राजधानी है। छत्तीसगढ़ में प्राचीनकाल से परम्परागत एवं नैसर्गिक रूप से औषधियुक्त कोदो, कुदकी, रागी, सांवा को उगाया जाता है। कुछ समय से इस रूझान में कमी आ रही थी। ऐसे आयोजनों के माध्यम से उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा संबंध बढ़ेगा और इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार मिलने से जहां किसानों को फायदा होगा वहीं उपभोक्ताओं को सही दाम पर सामग्री मिलेगी। छत्तीसगढ़ के कोसा वस्त्रों, फल और सब्जियों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं कार्गो हब बनाने के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विदेश-स्वदेश से आए क्रेताओं और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने ’छत्तीसगढ़ उत्पाद’ के प्रतीक चिन्ह को जारी किया। यह चिन्ह राज्य के कृषि उत्पादों हैण्डलूम और हैण्डीक्राफ्ट में उपयोग किया जाएगा। इस मौके पर छत्तीसगढ़ कृषि और हैण्डलूम उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए आठ कंपनियों के साथ एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से चार एम.ओ.यू. छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड और चार एम.ओ.यू. छत्तीसगढ़ हाथ करघा विकास एवं विपणन संघ के साथ हुए। कृषि उत्पादों के लिए चार अंतर्राष्ट्रीय एम.ओ.यू. बांग्लादेश, ग्रीस की विभिन्न कंपनियों और यूरोप-इंडिया एग्रीकल्चर फोरम के साथ किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड के साथ कृषि उत्पादों के विपणन के लिए बांग्लादेश फ्रेश फ्रूटस इंपोर्टरस एसोसिएशन, बांग्लादेश एग्रो प्रोसेसर्स एसोसिएशन, ग्रीक फूड कॉरीडोर ग्रीस और यूरोप-इंडिया एग्रीकल्चर फोरम ने एम.ओ.यू. किए। इसी प्रकार हैण्डलूम वस्त्रों के लिए टाईटन कंपनी के ब्रांड तनीरा (Taneiraa) के साथ एम.ओ.यू. किया गया। कंपनी का यह ब्रांड प्राकृतिक रेशे से बुनी गयी साड़ियों और वस्त्रों के लिए कौशल उन्यन, मानिकीकरण और दस्तावेजीकरण के क्षेत्र में सहयोग करेगी। इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के बुनकरों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार और अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजारों में अच्छा मूल्य प्राप्त करने का मौका मिलेगा। छत्तीसगढ़ के हैण्डलूम और सिल्क उत्पादों को विश्वस्तरीय बाजार उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ हाथ करघा विकास एवं विपणन संघ के साथ चार एम.ओ.यू. किए गए। ये एम.ओ.यू. टाईटन कंपनी लिमिटेड, पेरामोन इंडस्ट्रीज प्रायवेट लिमिटेड, एक गांव ग्रुप टेक्नॉलाजी प्रायवेट लिमिटेड और संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के साथ किए गए।
Launched the official logo of @produceofcg at International Conference and Buyer-Seller Meet for Agricultural Produce and Handloom Products of Chhattisgarh in Raipur today along with Minister of Agriculture Ravindra Choubey ji. More than 45 buyers will partake from 15+ countries. pic.twitter.com/f8WUUXqI47
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 20, 2019
इस अवसर पर लगाई गयी प्रदर्शनी में राज्य के 60 प्रकार के कृषि उत्पाद, लघु वनोपज और हैण्डलूम उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। कृषि उत्पादों में ब्लैक राईस, रेड राईस, सुगंधित चावल, आर्गेनिक राईस, कोदो, कुटकी, रागी, दालों के अलावा ताजे फल और सब्जियों में ड्रैगन फ्रूट, एप्पल बेर, पेपर लेमन, जैक फ्रूट्स शामिल है। प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में लघु वनोपजों में इमली और पौष्टिक औषधि इसी प्रकार हथकरघा से बनी सजावटी वस्तुएं, सिल्क से बनी ड्रेस मटेरियल, कॉटन और सिल्क कॉटन मिक्स्ड ड्रेस मटेरियल के साथ ही प्राकृतिक रंगो से बने सिल्क के कपड़े रखे गए हैं। सम्मेलन के प्रारंभ के दो दिनों में विदेश-स्वदेश से आए क्रेताओं और प्रतिनिधियों के साथ छत्तीसगढ़ के उत्पादकों और प्रतिनिधियों के बीच चर्चा होगी। प्रदर्शनी 22 सितम्बर को सम्मेलन के तीसरे दिन यह आम जनता के लिए अवलोकन तथा क्रय-विक्रय के लिए खुली रहेगी।
छत्तीसगढ़ के चावल की खुशबू महकेगी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में – कृषि मंत्री श्री चौबे
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के चावल की खुशबू अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में महकेगी और यहां की वनौषधियों जंगलों से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ के परम्परागत उत्पादों की नैर्सिगिता, गुणवत्ता और उत्कृष्टता की तारीफ करते हुए इसके माध्यम से पूरी दुनिया को लाभान्वित करने पर बल दिया।
अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेताओं के सम्मेलन में अपर मुख्य सचिव श्री के डी पी राव, अपर मुख्य सचिव सी.के.खेतान, कुलपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एस.के. पाटिल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, प्रमुख सचिव कृषि, ग्रामोद्योग विभाग मनिंदर कौर द्विवेदी, सचिव कृषि एवं ग्रामोद्योग विभाग हेमंत पहारे, मुख्यमंत्री के सचिव एवं संचालक कृषि टामन सिंह, विशेष सचिव कृषि मुकेश बंसल और छत्तीसगढ़ राज्य कृषि उपज मंडी के प्रबंध संचालक अभिनव अग्रवाल उपस्थित थे।