वनाधिकार क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ की अग्रणी भूमिका—वन विभाग की सशक्त प्रतिबद्धता का प्रमाण

रायपुर। छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों प्रकार के वन संसाधन अधिकारों की मान्यता एवं वितरण में देश के अग्रणी राज्यों में रहते हुए सक्रिय, सकारात्मक और सराहनीय भूमिका निभाई है। अब तक प्रदेश में 4,78,641 व्यक्तिगत अधिकार तथा 4,349 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) पत्र वितरित किए गए हैं, जिससे कुल 20,06,224 हेक्टेयर क्षेत्र पर कानूनी अधिकार प्रदान कर लाखों वनवासी परिवारों को सशक्त बनाया गया है। यह उपलब्धि प्रदेश की प्रशासनिक प्रतिबद्धता,…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्राइवेट स्कूलों को बारकोड स्कैनिंग के लिए 7 दिवस की दी मोहलत

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के छात्रों को समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री राजा पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा पहली से दसवीं तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित की जा रही हैं। यह जिम्मेदारी पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूरी गंभीरता से निभाई जा रही है। श्री पाण्डेय ने बताया कि पिछले शिक्षा सत्र में सामने आई कुछ अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा: बस्तर से सरगुजा तक डिजिटल क्रांति का विस्तार, 5000 मोबाइल टावर का लक्ष्य तय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विकसित भारत 2047 के साथ विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्यों को पूर्ण करने एवं सहज, सरल, त्वरित और पारदर्शिता के साथ सुचारू शासन की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों, विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा संभागों में नए मोबाइल टॉवर लगाने तथा फाइबर…

छत्तीसगढ़ सरकार ने डीएपी की कमी पूरा करने पुख्ता वैकल्पिक व्यवस्था की

रायपुर। देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के चलते चालू खरीफ सीजन में राज्य में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित होने का वैकल्पिक मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल लिया है। किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के चलते परेशान होने की जरूरत नहीं है। डीएपी के बदले किसानों को भरपूर मात्रा में इसके विकल्प के रूप में एनपीके और एसएसपी खाद की उपलब्धता सोसायटियों के माध्यम सुनिश्चित की जा रही है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20ः20ः013) और एनपीके (12ः32ः13) के वितरण…