नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (APP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब 54 प्रतिशत मत हासिल किए हैं, जबकि भाजपा को 38.5 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं, कांग्रेस ने चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन किया है और उसका मत प्रतिशत गिरकर चार फीसदी पर आ गया। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, आप को दिल्ली विधानसभा चुनाव में 53.6 प्रतिशत वोट मिले हैं। पार्टी को 2015 के विधानसभा चुनाव में 54.34 फीसदी मत मिले थे। अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी अबतक 55 सीटें जीत चुकी है और सात पर आगे चल रही है।
दूसरी तरफ, बीजेपी ने अपनी सीटों की संख्या तीन से बढ़ाकर सात की है। भगवा दल को राष्ट्रीय राजधानी में 38.5 फीसदी वोट मिले हैं जो पिछली बार की तुलना में छह फीसदी ज्यादा हैं। पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने दिल्ली में 56 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए थे जो कांग्रेस के (22.5 प्रतिशत) और आप (18.1 प्रतिशत) के संयुक्त मत प्रतिशत से अधिक थे। बीजेपी ने दिल्ली की सभी सातों सीटें जीती थीं। दिल्ली में 1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भगवा दल को 42.82 प्रतिशत वोट मिले थे। इसने 1998 में 34.02 फीसदी मत और 2003 में 35.22 प्रतिशत वोट हासिल किए। भाजपा ने 2008 में 36.34 फीसदी, 2013 में 33.07 प्रतिशत और 2015 में 32.19 फीसदी मत हासिल किए थे।
कांग्रेस 1998 से 2013 तक राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता पर काबिज थी। 1993 के विधानसभा चुनाव में, पार्टी को 34.48 प्रतिशत वोट मिले थे। 1998 में जब उसने दिल्ली में सत्ता पर कब्जा किया था, तब उसे 47.76 फीसदी वोट मिले थे। इसके बाद कांग्रेस को 2003 और 2008 में क्रमश: 48.13 फीसदी और 40.31 फीसदी वोट मिले थे। 2013 में उसका मत प्रतिशत लगभग आधा गिरकर 24.55 फीसदी पा आ गया और पार्टी केवल आठ सीटें जीत पाई। कांग्रेस का मत प्रतिशत 2015 में 9.65 फीसदी था और 2020 में पार्टी को मात्र 4.27 प्रतिशत वोट मिले हैं। दिल्ली में 0.46 प्रतिशत लोगों ने नोटा को वोट दिया है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की अगुवाई वाली बसपा ने दिल्ली में 68 उम्मीदवार उतारे थे और उसे 0.71 प्रतिशत वोट मिले हैं।