लखनऊ। दिवाली का त्योहार भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है तो जाहिर सी बात है कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में तो यह भव्य रूप से मनेगा ही। वहीं इस बार तो राम लला के मंदिर निर्माण का काम शुरू होने से दिवाली और भी खास हो गई है तो इस बार अयोध्या में मनेगी भव्य दिवाली। अब सरकार भी इसकी तैयारी में जुट गई है।
उत्तरप्रदेश सरकार कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए इस बार भी अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाने की तैयारी में जुट गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दीपोत्सव-2020 के अवसर पर अयोध्या में राम की पैड़ी पर पांच लाख 51 हजार दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे।
सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दीपोत्सव-2020 के दौरान प्रतिदिन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और हर आयोजन में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ दीपोत्सव पर अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पहुँचकर रामलला के दर्शन करेंगे और वहां दीप प्रज्ज्वलित करेंगे। आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के साथ ही दीपावली पर अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की परंपरा शुरू हुई और प्रतिवर्ष इसकी भव्यता बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव-2020 के पर्व पर पर सरयू (नदी) की भव्य एवं दिव्य आरती की व्यवस्था करने और पूरी अयोध्या की भव्य सजावट के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि श्रीराम जन्म भूमि, कनक भवन, राम की पैड़ी, हनुमान गढ़ी सहित सभी मंदिरों में बिजली की सजावट की जाए। इसी प्रकार पुलों, विद्युत पोल आदि पर बिजली की झालर लगायी जाएं। इन कार्यक्रमों में एकरूपता हो। इससे दीपोत्सव की शोभा और बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग, अयोध्या के जिला प्रशासन और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 12 से 16 नवंबर तक दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव पर अयोध्या के सभी मठ, मंदिरों एवं घरों में दीप प्रज्ज्ज्वलन की ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे भगवान श्रीराम की नगरी दीपों के प्रकाश से पूरी तरह आलोकित हो जाए। उन्होंने मठ मंदिरों में भजन तथा रामायण पाठ का आयोजन कराने के निर्देश दिए।