व्यापार डेक्स। एक समय था जब चिल्लर की किल्ल्त के कारण लोगो ने खुद का टोकन बना इस समस्या से निजात पाई थी लेकिन वर्तमान में व्यापारी, ग्राहक, बैंककर्मी हर कोई चिल्लर से परेशान है। अब इससे तो भगवान भी परेशान हो गए हैं। आजकल तो स्थिति यह है कि मंदिरों के मुख्य द्वार के पास के दान पेटी में एक नोटिस लगा होता है जिसमे लिखा होता है कि ‘कृपया सिक्के न डालें’। चिल्लर को लेकर हमेशा किचकिच की खबरें आती रहती है। कभी ग्राहक इसे लेने से इनकार करते हैं, कभी दुकानदार और बैंक। कई दुकानों में चिल्लर के बदले कुछ और सामान ही थमा दिए जाते है तो ये है आज के युग में चिल्लर की दशा।
दुकानदार भी सामान बेचने के बाद ग्राहक की तरफ से आते ढेर सारे सिक्कों को देखकर इरिटेट हो जाता है। छोटी-मोटी राशि को तो रख लिया जाता है लेकिन सोचिए उस वक्त क्या होगा जब किसी दुकानदार को लाखों रुपये का पेमेंट सिक्कों से ही किया गया हो। दरअसल, चीन के टोंगरेन नाम के शहर में रहने वाला यह शख्स जब एक ट्रक लेकर बीएमडब्लू (Bmw) कार के शोरूम पहुंचा। तब वहां के कर्मचारी ट्रक में भरे हुए सिक्के देखकर हैरान रह गए। शोरूम के मैनेजर को उसने बताया कि वह कार खरीदना चाहता है।
आमतौर पर ऐसा तो कभी भी नहीं होता की जब कोई ग्राहक शोरूम पर कोई कार खरीदने आये और दुकानदार उसे देखकर नाराज हो जाये लेकिन इस चीनी ग्राहक के साथ ऐसा हुआ जब ये इतने सरे सिक्के शोरूम पर पहुंचा और कहा मुझे कार खरीदनी है तब दूकानदार पूरी तरह से टेंशन में आ गया और बोला की इतने सरे चिल्लर सिक्के मै कैसे गिनूंगा और इसे कहा जमा करूंगा कौन सा बैंक इन सिक्कों को लेगा।
दुकानदार की बात सुनने के बाद जो ग्राहक इतने सारे सिक्के लेकर पहुंचा था, पहले तो वो काफी दुखी हो गया लेकिन फिर उसने अपने मन की बात दूकानदार से बताई उसने दुकानदार को बताया कि यह कार खरीदने का सपना मैं कई वर्षों से देख रहा हूं। इसके लिए दिन रात मेहनत की, पाई-पाई जोड़ी और तब जाकर मै इतनी बड़ी रकम इकठ्ठा कर सका हूँ और जब ग्राहक ने ये बात दूकानदार से बताई तब दूकानदार का दिल पिघल गया और वो उस चीनी ग्राहक को कार देने के लिए तैयार हो गया और तब जाकर उस ग्राहक का वर्षों से देखा गया सपना पूरा हो सका।
इसके बाद शोरूम ने सिक्के को गिनने के लिए बैंक में फोन कर 11 कर्मचारियों को बुलाया । और 10 घंटे की मशक्कत के बाद 900 किलो के यह सिक्के गिने गए। सिक्कों की गिनती पुरी होते ही शोरूम तालियों से गूंज गया। और मैनेजर ने गाड़ी की चाबी इस शख्स को सौंप दी।
कार खरीदने वाला यह शख्स एक बस का ड्राइवर था। हमेशा से ही इसका सपना लग्जरी कार खरीदने का है। जिसके लिए यह काफी समय से सिक्के जमा कर रहा था। और जमा करते-करते उसे खुद ही पता नहीं चला कब उसके पास 50 लाख से अधिक रुपये जमा हो गए।