किसान और खेती छत्तीसगढ़ की असल पूंजी हैं। इनकी बेहतरी और खुशहाली से ही राज्य को समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है। इस मर्म को समझकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता की बागडोर संभालते ही किसानों के हित में क्रांतिकारी फैसले लिये। खेती-किसानी, गांव और ग्रामीणों को सहेजने का जतन किया। इसी का परिणाम है कि नया छत्तीसगढ़ मॉडल तेजी से आकार ले रहा है। जिसके चलते मुरझायी खेती लहलहा उठी है और गांव गतिमान हो गए हैं। छत्तीसगढ़ मॉडल राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था अब तेजी से पुष्पित और…
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विशेष लेख : सुदूर अंचलों में सौर ऊर्जा बन रही है, गेम चेंजर
ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ में भी नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। नई उद्योग नीति में भी सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन से जुड़ी इकाईयों की स्थापना को प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया है। राज्य के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति और ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार के लिए सौर ऊर्जा खासी मददगार साबित हो रही है। राज्य में ऐसे कई हिस्से हैं जहां परम्परागत…
विशेष लेख : छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की बढ़ रही पहचान, आने लगे हैं विदेशी मेहमान
छत्तीसगढ़ की खूबसूरती न सिर्फ देश के पर्यटकों को भा रही है, अपितु सात-समंदर पार विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर खींच ला रही है। ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और पुरातात्विक धरोहरों के साथ प्राकृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का पर्यटन देश में अपनी पहचान स्थापित करता जा रहा है। यहाँ की खूबसूरती को करीब से निहारने के लिए पर्यटकों का लगातार छत्तीसगढ़ आना हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के पर्यटन को लगातार बढ़ावा देने के परिणामस्वरूप पर्यटन के नक्शे पर…
विशेष लेख : नई सरकार नई पहल : छत्तीसगढ़ 36 माह
सिनेमा को समाज का दर्पण माना जाता है। समाज में जो कुछ अच्छी-बुरी घटनाएं घटती हैं, इसकी झलक फिल्मों में देखी जा सकती है, वहीं किसी देश और प्रदेश की कला, संस्कृति एवं पंरपरा की झलक को फिल्मों और साहित्यों से जोड़कर देखा जाता है। छत्तीसगढ़ की प्राचीन कला, संस्कृति एवं परंपरा तथा ऐतिहासिक कहानियों व महापुरूषों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित फिल्म निर्माण के संरक्षण और संवर्धन के साथ पर्यटन को एक पहचान दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नयी छत्तीसगढ़ फिल्म पॉलिसी-2021 लागू किया है।…
विशेष लेख : नए फैसलों से मजबूत होती छत्तीसगढ़ की पौनी-पसारी की परम्परा
छत्तीसगढ़ के गांवों का सामाजिक ताना-बाना आज भी जीवंत है। गांव की सामाजिक संरचना में लोगों में परस्पर आपसी संबंध और भाईचारा अभी भी बना हुआ है। खेती किसानी और इनसे जुड़े काम में एक दूसरे की निर्भरता इन्हें आपस में जोड़े रखती है। गांव में कुम्हारी, बढ़ाईगिरी, लोहारी, चर्मशिल्प, तेलपेराई, धोबी जैसे कई व्यवसाय ग्रामीण जन-जीवन से सीधे जुड़े हैं। साप्ताहिक बाजार और पौनी पसारी परम्परा छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। वर्तमान परिस्थिति में गांव में पौनी-पसारी की परम्परा भले ही कमजोर हुई हो, लेकिन आज भी यह…
विशेष लेख : देश-दुनिया में सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान दिलाएगी ’छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’
छत्तीसगढ़ में कला और संस्कृति के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को एक सशक्त अभिव्यक्ति देने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद का गठन किया गया है। यह परिषद राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, साहित्य, लोक भाषा एवं बोलियाँ, संगीत, नृत्य-नाटक, रंगमंच, चित्र एवं मूर्तिकला, सिनेमा, रंगमंच, आदिवासी एवं लोककलाओं के संरक्षण और संवर्धन, लोकोत्सव आदि के आयोजन के साथ ही विविध विधाओं से संबंधित शीर्षस्थ विद्वानों को सम्मानित और उन्हें प्रोत्साहित करेगी। देश में अनेक राज्यों का गठन मुख्य रूप से भाषाई आधार पर हुआ है, जबकि छत्तीसगढ़…
उजड़े चमन में कैसे फूल खिलाएगी भाजपा…चिंतन तो ठीक है, चिंता बढ़ा रहा शिविर
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल तक राज करने के बाद बस्तर में पूरे सफाए सहित सत्ता से बुरी तरह बाहर हुई भारतीय जनता पार्टी बस्तर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर के जरिए अगले चुनाव में जीत हासिल करने की रणनीति तैयार कर रही है। इधर हालात ऐसे हैं कि भाजपा की चिंता बढ़ गई है कि अगर पुराने नेताओं को दरकिनार कर रणनीति बनाई जायेगी तो नीति कम रण ज्यादा होगा। खबर है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और पंद्रह साल तक राज्य में वरिष्ठ मंत्री रहे अमर अग्रवाल…
विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष लेख : आदिवासी अंचलों में खुशहाल हो रहा जनजीवन, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका की मजबूत पहल
छत्तीसगढ़ और आदिवासी एक-दूसरे के पर्याय हैं। छत्तीसगढ़ के वन और यहां सदियों से निवासरत आदिवासी राज्य की पहचान रहे हैं। प्रदेश के लगभग आधे भू-भाग में जंगल है। जहां छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिम संस्कृति फूलती-फलती रही है। आज से ढाई साल पहले नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों को उनके सभी अधिकार पहुंचाने की जो पहल शुरू की जिससे आज वनों के साथ आदिवासियों का रिश्ता एक बार फिर से मजबूत हुआ है और उनके जीवन में नई सुबह आई है। राज्य…
डॉक्टर्स डे विशेष : चिकित्सक होते है सेवा, समर्पण और साहस की मिसाल
भारत देश में प्रति वर्ष एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉक्टरों के अमूल्य योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करने लिए देश ने सन् 1991 में प्रति वर्ष 01 जुलाई को नेशनल डॉक्टर डे मनाने का निर्णय लिया था। इसी दिन महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि भी होती है। नेशनल डॉक्टर डे मनाते हुए उस महान शख्सियत को भी याद किया जाता है। डॉ. विधानचंद्र रॉय को 04 फरवरी 1961 को भारत के सर्वोच्च…
‘‘ एक गांव ऐसा, गांधी के सपनों के जैसा…
दो साल पहले की ही बात है। इस गाँव की तस्वीर ऐसी न थीं। अपने गाँव से विवाह के बाद आई टुकेश्वरी एमए पास है तो क्या हुआ ? उसके पास कोई काम न था। गाँव वालों के अपने खेत तो थे, लेकिन इन खेतों में हरियाली सिर्फ बारिश के दिनों में ही नजर आती थीं। फसल बोते थे लेकिन दाम सहीं नहीं मिलने से कर्ज में लदे थे। गाँव का गणेश, रामाधार हो या सेन काका.. सभी अपने गांव को खुशहाल देखना चाहते थे। दुलारी के पति सालों पहले…