धर्म डेक्स। नवरात्रि का प्रारंभ 17 अक्टूबर दिन शनिवार से हो रहा है। इस दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा विधि विधान से शुरू हो जाएगी। नवरात्रि में नव दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। नवरात्रि के पहले दिन को घटस्थापना या प्रथमा के नाम से जाना जाता है। यह वह दिन है जब लोग देवी शैलपुत्री की पूजा करते हैं। अलग-अलग नामों वाली देवियां माता दुर्गा की अवतार मानी जाती हैं। आज हम आपको बताएंगे कि देवी दुर्गा का नाम दुर्गा कैसे पड़ा। शिवपुराण…
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नवरात्रि विशेष 2020 : नवरात्रि पर इस बार दुर्लभ संयोग, 1962 में बना था ऐसा संयोग, कल सुबह 9:45 तक कर लें घट स्थापना
धर्म डेक्स। आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना का पावन पर्व शारदीय नवरात्र शनिवार 17 अक्तूर से शुरू होगा। इसके साथ ही मलमास का समापन हो जाएगा। नवरात्र का शुभारंभ इस बार दुर्लभ संयोग के साथ होगा। इसलिए ग्रहीय दृष्टि से शारदीय नवरात्र शुभ और कल्याणकारी होगा। नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक घरों, मन्दिरों में विधिविधान से पूजन अर्चन कर भक्त मां भगवती आशीष प्राप्त करेंगे। नवरात्र को लेकर मन्दिरों में सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सिद्धपीठ ललिता देवी, कल्याणी देवी और अलोपशंकरी मंदिर में पूजन-अर्चन की तैयारी की…
नवरात्रि विशेष 2020 : नवरात्रि पूजन के दौरान राशि अनुसार करें इन 12 मंत्रों का जाप, घर में आएगी खुशहाली
धर्म डेक्स। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने का विधान बताया गया है। साल में दो बार नवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में मां दुर्गा को प्रसन्न् करके घर में खुशहाली का आशीष पाने के लिए राशि अनुसार करें इन 12 मंत्रों का जाप। आइए जानते हैं इस बार नवरात्रि पर आपका…
Navratri 2020 : नवरात्रि पर ज्वारा बोने के पीछे क्या है कारण, जानें ज्वारा क्या देते हैं संकेत
धर्म डेक्स। नवरात्रि में प्रतिपदा के दिन कलश स्थाना के साथ माता रानी के ज्वारे भी बोए जाते हैं। मिट्टी के कलश में ज्वारे बोने की परंपरा तकरीबन हर जगह होती है। नवरात्रि के समापन पर इन्हें प्रवाहित कर दिया जाता है। इनके बढ़ने पर मां भगवती की कृपा मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि जहां ज्वारें तेजी से बढ़ते हैं ऐसे घर में माता रानी का आशीर्वाद मिलता है और सुखसमृद्धि आती है। ज्वारों को सही मुहूर्त में माता रानी की चौकी के पास ही बोया जाता है।…
पूजा में दीपक जलाने के इन फायदों को जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान!, इन सभी का वर्णन पुराणों में मिलता है, आप भी ज़रूर जानें
न्यूज़ डेक्स। भगवान की पूजा-आराधना करते समय अक्सर हम लोग पूजा की थाली में कपूर और दीपक जलाते हैं। इस दौरान दीपक अथवा थाली को किस प्रकार पकड़ना चाहिए या कितने दीपक जलाने से कौनसे देव प्रसन्न होते हैं, इन सभी का वर्णन पुराणों में मिलता है। दीपकों के रहस्यों से परदा हटाता यह विशेष आलेख- केले के पेड़ के नीचे बृहस्पतिवार को घी का दीपक प्रज्ज्वलित करने से कन्या का विवाह शीघ्र हो जाता है ऐसी भी मान्यता है। इस प्रकार बड़, गूलर, इमली, कीकर आंवला और अनेकानेक पौधों…
इस वर्ष 17 अक्टूबर से प्रारंभ होंगे शारदीय नवरात्रि, जानिए किस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा
धर्म डेक्स। वर्ष 2020 में शारदीय नवरात्रि करीब एक महीने की देरी से शनिवार 17 अक्टूबर से आरंभ हो रही है। शनिवार के दिन नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण इस दिन मां दुर्गा घोड़े की सवारी करते हुए पृथ्वी पर आएंगी। देवी भागवत पुराण के अनुसार, जब माता दुर्गा नवरात्रि पर घोड़े की सवारी करते हुए आती हैं, तब पड़ोसी से युद्ध, गृह युद्ध, आंधी-तूफान और सत्ता में उथल-पुथल जैसी गतिविधियां बढ़ने की आशंकाएं रहती हैं। अधिकमास लगने के कारण इस साल शारदीय नवरात्रि एक महीने की देरी…
165 साल के बाद आया ऐसा संयोग, इस बार पितृ पक्ष की अमावस्या के बाद नहीं हैं शारदीय नवरात्र
धर्म डेक्स। इस बार नवरात्रि एक महीने बाद शुरू होगी। हर साल पितृ विसर्जनी अमावस्या के बाद नवरात्रि की तैयारी शुरू हो जाती थी, लेकिन अधिकमास लगने के कारण नवरात्रि एक महीने आगे खिसक गई हैं। इस बार शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होंगे। इससे पहले 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिकमास रहेगा। इस मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इस साल 165 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है। अधिकमास को मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस मास में भगवान…
क्या आप जानते है महाभारत युद्ध में कैसे बनता था लाखों सैनिको का भोजन और कभी भी नहीं गया भोजन का एक दाना भी व्यर्थ
धर्म डेस्क। महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है। कभी कभी इसे केवल भारत कहा जाता है। यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। महाभारत ग्रंथ का लेखन भगवान् गणेश ने महर्षि वेदव्यास से सुन सुनकर किया था। वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं। अपने आश्रम से हस्तिनापुर की समस्त गतिविधियों की सूचना उन तक…
गणेश चतुर्थी 2020: इस तरह विधि-विधान से करें अपने घर में गणपति बप्पा की स्थापना, रिद्धि-सिद्धि के साथ विराजेंगे शुभ-लाभ
धर्म डेस्क। गणेश चतुर्थी का त्योहार यानी वह पावन दिन जब हमारे घर गणपति बप्पा स्वयं पधारते हैं और हमारा जीवन धन्य हो जाता है। हम कृतार्थ हो जाते हैं उन्हें पाकर। भादो मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और इसी दिन दस दिनों के लिए बप्पा हमारे घर पधारते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी 22 अगस्त शनिवार को है। शुभ व पावन बेला में पधारेंगे गजानन श्री गणपति का दस दिनों के लिए पृथ्वी पर शुभागमन हो रहा है।…
हरितालिका तीज – व्रत, उपवास नियम और क्या है महत्व, अपनी प्रार्थनाओं-तप से पाए हरतालिका तीज में आशीर्वाद
धर्म डेक्स। तीज त्यौहार हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण और अत्यधिक मनाए जाने वाले अवसरों में से एक माना जाता है। दोनों विवाहित महिलाओं,और अविवाहित लड़कियों, हरतालिका तीज द्वारा ये त्यौहार काफी ख़ुशी के साथ मनाया जाता है । यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रार्थना करने और पूजा करने के लिए मनाया जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार भद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष (पखवाड़े) के तीसरे दिन मनाया जाता है। महिलाएं इस त्योहार को अपने जीवन में वैवाहिक आनंद सुनिश्चित करने के लिए मनाती हैं। आप…