न्यूज़ डेस्क। बॉलीवुड मनोरंजन के साथ ही सामाजिक संदेश देने का एक बड़ा माध्यम है। लेकिन बॉलीवुड पर छद्म धर्मनिरपेक्ष माफिया का कब्जा है। यहां पर धर्मनिरपेक्षता की आड़ में बड़ी साजिशों को अंजाम दिया जाता है। इस साजिश में बड़े-बड़े फिल्म निर्माता, निर्देशक,अभिनेता, अभिनेत्री, पटकथा और संवाद लेखक शामिल है,जो एक खास धर्म इस्लाम के प्रचार-प्रसार कर उसमें आस्था पैदा करने की कोशिश करते हैं, जबकि हिन्दू धर्म के प्रति नफरत पैदा करते हैं। अब ट्वीटर एकाउंट @SecularBolly (Secularism Of Bollywood) इन साजिशों का पोल खोल रहा है।
Kuch Kuch Hota Hai (1998)
A Hindu family Kid, Anjali offers ‘Namaz’ and her prayer gets immediately heard.
Now see her reaction when her grand mother suggest ‘Pooja path’ as a solution.
Directed and written by Karan Johar pic.twitter.com/as9p2CxUgA
— Secularism Of Bollywood (@SecularBolly) October 25, 2020
ट्वीटर एकाउंट @SecularBolly फिल्म के छोटे से क्लीप के माध्यम से बॉलीवुड में रची गई साजिशों को लोगों के समाने पेश करता है और बताता है कि किस तरह संवाद, गीत, संगीत और दृश्य के माध्यम से हिन्दू धर्म पर हमला किया जाता है और इसके विपरीत इस्लाम की छवि को चमकाने की कोशिश की जाती है।
Bollywood depicts Hindu Gods as they don't listen to the prayers of their devotees. A woman gets raped and Hindu Gods keep watching it.
Slowly but effectively putting in our minds that Hindu gods are just idols and one shouldn't see god in them.
Teri meherbaniyan ( 1985 ) pic.twitter.com/LSN0cYrwrI
— Secularism Of Bollywood (@SecularBolly) November 5, 2020
काफी दिनों से बॉलीवुड में जड़ जमा चुकी एक विचारधार, जो अपने को प्रगतिशील, उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष बताती है, हिन्दू धर्म के खिलाफ काम करती है। यह विचारधारा प्रगतिशीलता और अंधविश्वास दूर करने के नाम पर हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पर हमला करती हैं, वहीं दूसरी तरफ इस्लाम के प्रति उदासीन बने रहती है। यहां तक कि उनके अंधविश्वास को धार्मिक आस्था का रूप देकर फिल्म में पेश करती हैं और उचित ठहराने की कोशिश करती है।
Secularism in Bollywood means having immense faith in Allah and questioning Hindu Gods. Madhuri Dixit asking whether Bhagwan Ram approved the rape of a woman (Kajri).
Prem Granth (1996) pic.twitter.com/5Fwo3eC6gS
— Secularism Of Bollywood (@SecularBolly) November 5, 2020
बॉलिवुड में हिन्दुओं को बदनाम करने के खास मकसद से फिल्में बनाई जाती हैं और उसमें विदेशी पैसे लगाए जाते हैं। पटकथा से लेकर संवाद तक ऐसे तैयार किए जाते हैं, जो हिन्दुओं की धार्मिक आस्था के खिलाफ होते हैं। वहीं इस्लाम को बढ़ावा देते नजर आते हैं, वहीं हिन्दू धर्म के प्रतीकों का मजाक उड़ाया जाता है। हिन्दू देवी-देवताओं, पुजारी और मंदिरों को उपहास के रूप में पेश किया जाता है और उनकी नकारात्मक छवि बनाने की कोशिश की जाती है। हिन्दुओं की आस्था को खुलेपन और धर्मनिरपेक्षता की भेंट चढ़ा दी जाती है।
“Bhagwan har roop me madad k liye aata hai is baar bomb ke roop me aaya hai”
“Shankar bhagwan hai ye bomb bhole”
They have been very subtle. Would they use it bomb for the God of some other religion, even if justified?
Bhagam Bhag (2006) pic.twitter.com/OqH4sMdzr0
— Secularism Of Bollywood (@SecularBolly) October 29, 2020
आज समय बदल रहा है। @SecularBolly जैसे ट्विटर एकाउंट के अलावा बॉलीवुड में ऐसे फिल्म निर्माता, निर्देशक, अभिनेता और अभिनेत्री सामने आ रहे हैं, जो वर्षों से पैर जमा चुके सेक्युलरों को खुली चुनौती दे रहे हैं और उनका पर्दाफाश कर रहे हैं। यही वजह है कि आज बॉलीवुड में भी स्वच्छ भारत अभियान शुरू हो चुका है। हिन्दू विरोधी फिल्म बनाने पर खुलकर विरोध हो रहा है। सोशल मीडिया में उनके बहिष्कार के लिए ट्रेंड चलाया जा रहा है, जिसका नतीजा है कि आज फिल्में फ्लॉप हो रही हैं। फिल्म ‘लक्ष्मी’ इसका ताजा उदाहरण है।