जी -7 में बोले मोदी, हम किसी तीसरे देश को नहीं देना चाहते कष्ट, कश्मीर पर भारत अटल नही पसंद दखल

बिआरित्ज। PM नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की गुंजाइश को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय रूप से सभी मुद्दों पर चर्चा कर समाधान कर सकते हैं और हम किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बगल में बैठकर मीडिया से बातचीत के दौरान मोदी ने यह टिप्पणी की। ट्रंप ने PM मोदी से मुलाकात से पहले कहा था कि वह फ्रांसीसी शहर बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करेंगे। ट्रंप ने हाल में कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी।

श्री मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दे हैं और हम किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते। हम द्विपक्षीय रूप से इन मुद्दों पर चर्चा कर इनका समाधान कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान 1947 से पहले साथ थे और उन्हें विश्वास है कि दोनों पड़ोसी अपनी समस्याओं पर चर्चा कर उनका समाधान कर सकते हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अपनी टेलीफोन वार्ता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने खान को बताया था कि दोनों देश गरीबी समेत कई दूसरे मुद्दों का सामना कर रहे हैं और राष्ट्रों को साथ मिलकर लोगों के कल्याण के लिये काम करना चाहिए।

वहीं, ट्रंप ने कहा कि उन्होंने और मोदी ने बीती रात कश्मीर के बारे में बात की और उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान इसका समाधान कर सकते हैं। उनकी बैठक ऐसे समय हुई है जब पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा वापस ले उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था। संविधान के आर्टिकल 370 के कुछ प्रावधानों को भारत द्वारा रद्द किये जाने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था क्योंकि पाकिस्तान ने इस कदम को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि यह भारत का अंदरुनी मामला है और पाकिस्तान को भी सलाह दी थी कि वह इस हकीकत को स्वीकार कर ले।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.