नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए भारत के भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण और भारत को ग्लोबल लीडर बनाने का एजेंडा भी देश के सामने रखा।
स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के विकास को आकार देने, नवाचार को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में देश को वर्ल्ड लीडर के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से भविष्य के लक्ष्यों की एक श्रृंखला की रूपरेखा भी पेश की।
उन्होंने मिशन मोड पर ‘ईज ऑफ लिविंग’ को पूरा करने के अपने दृष्टिकोण को सामने रखते हुए व्यवस्थित मूल्यांकन और बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही। उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करते हुए, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को पुनर्जीवित करने की बात की जो 2024 में नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन पर आधारित है।
पीएम मोदी ने सेमीकंडक्टर उत्पादन में ग्लोबल लीडर बनने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिसका लक्ष्य आयात पर निर्भरता को कम करना और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।
बजट 2024 का जिक्र करते हुए, उन्होंने भारत के युवाओं को प्रशिक्षित करने और दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के लिए सरकार द्वारा घोषित ऐतिहासिक योजनाओं के बारे में भी बताया।
पीएम मोदी ने अपने विशाल संसाधनों और कुशल कार्यबल का लाभ उठाते हुए भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने पर भी जोर दिया। उन्होंने स्वदेशी डिजाइन क्षमताओं की सराहना करते हुए ऐसे उत्पाद बनाने का आग्रह किया जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करते हों।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को मेड इन इंडिया गेमिंग उत्पादों के साथ आगे आने के लिए अपनी समृद्ध प्राचीन विरासत और साहित्य का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय पेशेवरों को वैश्विक गेमिंग बाजार का नेतृत्व करना चाहिए, न केवल खेलने में बल्कि गेम बनाने में भी। उन्होंने कहा कि भारतीय खेलों को दुनिया भर में अपनी पहचान बनानी चाहिए।
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पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के भारत के प्रयासों में ग्रीन जॉब्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश का ध्यान अब हरित विकास और हरित नौकरियों पर है, जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। उन्होंने हरित हाइड्रोजन उत्पादन में ग्लोबल लीडर बनने और पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत को ‘स्वस्थ भारत’ के रास्ते पर चलना होगा जो राष्ट्रीय पोषण अभियान के शुभारंभ के साथ शुरू हुआ है।
पीएम मोदी ने राज्य-स्तरीय निवेश प्रतियोगिता की बात कहते हुए राज्य सरकारों से निवेश आकर्षित करने, सुशासन का आश्वासन देने और कानून और व्यवस्था की स्थिति में विश्वास सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट नीतियां स्थापित करने का आह्वान किया।
उन्होंने गुणवत्ता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए पहचाने जाने की भारत की आकांक्षा पर बात करते हुए कहा कि भारतीय मानकों को अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत अपने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने वाला जी20 देशों में एकमात्र देश रहा है।
प्रधानमंत्री ने देश की चिकित्सा शिक्षा क्षमता को बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के उद्देश्य से अगले 5 वर्षों में 75 हजार नई मेडिकल सीटें जोड़ने की योजना की भी घोषणा की।
इसके साथ ही राजनीति में नए लोगों के आने पर जोर देते हुए उन्होंने देश के एक लाख युवाओं को राजनीतिक प्रणाली में लाने का आह्वान किया, जिनके परिवारों में इससे पहले कोई भी राजनीति में ना रहा हो। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य भाई-भतीजावाद और जातिवाद की बुराइयों से लड़ना और भारत की राजनीति में नए लोगों को शामिल करना है।