अडानी बना गले की फांस,आरोप-प्रत्यारोप जारी
रायपुर। एक दूसरे को मामला अडानी को लेकर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कांग्रेस व भाजपा कर रहे हैं लेकिन इससे कहीं दूर आदिवासी एमएमडीसी के सामने अपना मोर्चा यथावत जारी रखे हुए हैं। राजनीतिक दल आदिवासी के पक्ष में अपने को खड़े होने की भरपूर कोशिश दिखा रहे हैं । एनएमडीसी के 13 नंबर खदान को अडानी को दिये जाने लेकर राजनीति पूरी तरह से गरमा गयी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जहां इस मामले को पिछली सरकार का फैसला बताते हुए आदिवासियों को विश्वास में नहीं लेने और फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही है, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसे कांग्रेस की नौटंकी करार दिया है। इस विवाद के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि इस मामले में क्या-क्या प्रक्रिया अपनायी गयी है, फाइल उन्होने देखा नहीं,यह सब पिछली सरकार का किया हुआ है। भूपेश बघेल ने जहां इस मामले को पिछली सरकार का फैसला बताते हुए आदिवासियों को विश्वास में नहीं लेने और फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही है, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसे कांग्रेस की नौटंकी करार दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर वार करते हुए कहा है कि कांग्रेस की तो हर बात में पलटने की आदत है। उन्होंने कहा कि अडानी को खदान देने का फैसला ज्वाइंट वेंचर कंपनी सीएमडीसी और एनएमडीसी का था। उन्होंने कहा कि सरकार को और पर्यावरण विभाग को इस बात का जवाब देना चाहिये कि जब माइनिंग के इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति थी तो फिर पर्यावरण विभाग ने इसकी इजाजत क्यों दी। अप्रैल में ही इस प्रोजेक्ट को रोक देना चाहिये था। उन्होंने कहा कि माइनिंग को आपरेट करने की इजाजत पर्यावरण विभाग ने और सरकार ने अप्रैल में दी है। अब विरोध करने का नाटक करने की जरूरत नहीं है।