नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी, ये ला बचाना हे संगवारी : मुख्यमंत्री

नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी, ये ला बचाना हे संगवारी : मुख्यमंत्री

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कांकेर विश्राम गृह परिसर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में आमजनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा- संगवारी हो, नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी को बचा के रखना है। उन्होंने कहा कि नरवा अर्थात नदी-नाले का पानी खेतों तक पहुंचे, गरवा अर्थात पशु धन के लिए चारा एवं चरवाहा की व्यवस्था की जाएगी। पशु धन के लिए हरा चारा की व्यवस्था की जाएगी तथा पशुओं का नस्ल सुधार किया जाएगा और गोबर से जैविक खाद बनायी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि घोषणा पत्र में किये गये वादे के अनुरूप शपथ ग्रहण के 10 दिवस के भीतर किसानों के, 6100 करोड़ रूपये के कृषि ऋण माफ कर दिया गया है। झीरम घाटी काण्ड की जांच के लिए एस.आई.टी गठित की गई है। किसानों के धान 2500 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने का प्रावधान बजट में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा लिए गये निर्णय अनुसार 5 डिसमिल से छोटे प्लाट की रजिस्ट्रि भी शुरू हो गई है। वन अधिकार मान्यता पत्र के संबंध में उन्होंने कहा कि 13 दिसम्बर 2005 से पहले जिन व्यक्ति का वन भूमि पर कब्जा था और जिन्हे अभी तक मान्यता पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, उन्हें वन अधिकार मान्यता पत्र दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार सबके हित में काम करेगी, यह आम जनता की सरकार है, किसान, मजदूर, व्यापारी सभी की उन्नति हो, ऐसा कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास की असीम संभावनाएं हैं। वनोपज से रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं।

कार्यक्रम को वाणिज्यिक कर (आबकारी) और उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचेगा। मंच संचालन मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी द्वारा तथा आभार प्रदर्शन भुनेश्वर नागराज के द्वारा किया गया।

00 किसानों के 6100 करोड़ रूपये का कर्ज माफ

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