राजधानी में बिखरा गणगौर पर्व का उल्लास
रायपुर। चैत्र शुक्ल तृतीया के अवसर पर सोमवार को अंबा देवी मंदिर में गणगौर का उल्लास बिखरा रहा। सोलह श्रृंगार युक्त सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं ने मंदिर परिसर में गुड़ला सजा कर विधिवत रूप से ईसर और गवरजा मां की पूजा की। मां आदि शक्ति मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज द्वारा मंगलम भवन में सामूहिक रूप से गणगौर का उद्यापन किया गया। इस अवसर पर ढोल बाजे के साथ ईसर गौर की शोभायात्रा निकाली गई।
ऐसा माना जाता है कि गवरजा मां 16 दिनों के लिए माएके आती हैं और ईसर जी के साथ चैत्र शुक्ल तृतीया को वह वापस ससुराल चली जाती है। माएके आने पर 16 दिनों तक गवरजा मां को विविध प्रकार से आतिथ्य सत्कार किया जाता है तथा चैत्र शुक्ल तृतीया को विधिवत रूप से उनकी विदाई की जाती है।
मां आदि शक्ति मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज द्वारा मंगलम भवन में सोमवार को गणगौर के सामूहिक उद्यापन का आयोजन किया गया। सोलह श्रृंगार से युक्त सुहागिनों ने पति संग ईसर गौर की विधिवत रूप से पूजा अर्चना की। उद्यापन पूर्व ढोल बाजे की धुन पर महिलाओं ने घूमर से वातावरण को सरस बना दिया। इस अवसर पर गणगौर के गीतों की स्वर लहरियां बिखरती रहीं।