#RamMandir: #मर्यादा_पुरुषोत्तम_प्रभु_श्रीराम: मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी, चौपाई का हिंदी अर्थ…मालूम है,…? यंहा देखें….

धर्म डेस्क (Bns)। बरसों इन्तजार के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी मंदिर में विराजमान होंगे, तिथि निकट है ऐसे में कुछ आपको भी जानना चाहिए, ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते है….

हिंदू धर्म में चौपाई, दोहा और श्लोक आदि का विशेष महत्व रहा है। आप कई बार मंदिर जाते होंगे ही या घर पर ही पूजा करते होंगे तो कई बार आप या आपके घर के लोग कई चौपाई, दोहा और श्लोक का पाठ करते हैं इन्ही में से एक है मंगल भवन अमंगल हारी चौपाई। इस चौपाई को आपने कई बार सुना होगा। क्या आपको इस चौपाई का हिंदी में अर्थ मालूम है। आज हम आपको इस चौपाई का हिंदी भावार्थ बता रहे हैं।

मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी

अर्थ : जो मंगल करने वाले और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे।

होइहि सोइ जो राम रचि राखा।

को करि तर्क बढ़ावै साखा॥

अर्थ : जो भगवान श्री राम ने पहले से ही रच रखा है ,वही होगा | तम्हारे कुछ करने से वो बदल नही सकता।

हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी

अर्थ : बुरे समय में यह चार चीजे हमेशा परखी जाती है , धैर्य , मित्र , पत्नी और धर्म।

जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू

अर्थ : सत्य को कोई छिपा नही सकता , सत्य का सूर्य उदय जरुर होता है।

हो, जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरति देखी तिन तैसी

अर्थ : जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है।

रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई

अर्थ : रघुकुल परम्परा में हमेशा वचनों को प्राणों से ज्यादा महत्व दिया गया है।

हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता

अर्थ : प्रभु श्री राम भी अंनत हो और उनकी कीर्ति भी अपरम्पार है ,इसका कोई अंत नही है। बहुत सारे संतो ने प्रभु की कीर्ति का अलग अलग वर्णन किया है।

#RamMandir

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.