न्यूज़ डेस्क (BNS)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है। पीएम मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास ‘सेंगोल’ स्थापित किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ पीएम मोदी ने पट्टिका का अनावरण किया। सर्व धर्म प्रार्थना में भी भाग लिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने देश की नई संसद को गरीबों को समर्पित किया। पीएम मोदी ने नई संसद में गरीबों का प्रतिबिम्ब बताया। और देश के 140 करोड़ लोगों की उम्मीद करार दिया। पीएम मोदी ने देश की संसद और भविष्य की अपनी योजनाओं को लेकर और भी कई बातें कहीं।
"मुक्त मातृभूमि को
नवीन पान चाहिए..
नवीन पर्व के लिए,
नवीन प्राण चाहिए..
मुक्त गीत हो रहा,
नवीन राग चाहिए..
नवीन पर्व के लिए,
नवीन प्राण चाहिए.."#MyParliamentMyPride pic.twitter.com/KvdxY7qcgI— BJP Bihar (@BJP4Bihar) May 28, 2023
(1) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद के नए भवन को 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। आज का दिन अमर है। नए भारत का इतिहास यहीं से लिखा जायेगा। यह इमारत समय की मांग थी और इसके कण-कण से ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ के दर्शन होते हैं. स्थापित ‘राजदंड’ (सेंगोल) सभी को प्रेरणा देता रहेगा।
(2 ) प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संसद के नए भवन का कण-कण गरीब को समर्पित है। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक भवन नहीं है, यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। यह विश्व को भारत के दृढ़संकल्प का संदेश देता है। यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।’’
(3 ) पीएम ने कहा- ‘‘नया संसद भवन योजना को यथार्थ से, नीति को निर्माण से और इच्छाशक्ति को क्रियाशक्ति से तथा संकल्प को सिद्धि से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा।
(4) यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का नया माध्यम बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा।
(5) पीएम ने कहा- देश की विकास यात्रा के कुछ पल अमर हो जाते हैं और आज भी ऐसा ही एक दिन है। उन्होंने ‘राजदंड’ का उल्लेख करते हुए कहा- जब भी नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी यह ‘सेंगोल’ हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। ‘सेंगोल’ अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था; हमने इसे उचित सम्मान दिया है।’’
(6) नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। इसमें कला भी है, कौशल भी है. इसमें संस्कृति भी है, संविधान के स्वर भी हैं।
(7) भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का बहुत बड़ा आधार है। लोकतंत्र हमारे लिए एक संस्कार, एक विचार और एक परंपरा है।’’ उन्होंने कहा कि आजादी का अमृतकाल विरासत को सहेजते हुए विकास के नए आयाम गढ़ने का नया काल है।
(8) पीएम मोदी ने कहा, ‘‘इस भवन में हमें ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दर्शन होते हैं।’’ ‘‘बीते एक-दो दशक से चर्चा हो रही थी कि देश को नए संसद भवन की आवश्यकता है। यह समय की मांग थी कि संसद की नई इमारत का निर्माण किया जाए। मुझे खुशी है कि यह भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से लैस है।’’ नए संसद भवन ने करीब 60 हजार श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है।
(9 ) प्रधानमंत्री ने अपने नौ साल के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि ये नौ साल भारत में नवनिर्माण और गरीब कल्याण के रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे गरीबों के चार करोड़ घर बनने का संतोष है। जब हम इस इमारत को देखकर अपना सिर ऊंचा कर रहे हैं तो मुझे 11 करोड़ शौचालयों के निर्माण को देखकर भी संतोष है।’’
(10) मोदी ने कहा, ‘‘हमारी प्रेरणा एक ही है, देश का विकास, देश के लोगों का विकास.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को आदर और उम्मीद के भाव से देख रही है। उन्होंने कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है।