जमीन डायवर्सन नियमों का पालन नहीं, शिकायत

जमीन डायवर्सन नियमों का पालन नहीं, शिकायत

रायपुर। प्रदेश में 12 हजार वर्गफीट तक की कृषि जमीन का गैर कृषि प्रयोजन के लिए डायवर्सन का नियम बनाया गया है। इसके लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति की जरूरत नहीं होगी, लेकिन सरकार के इस आदेश का पालन ही नहीं हो रहा है। न सिर्फ रायपुर बल्कि दुर्ग और रायगढ़ में भी डायवर्सन नहीं हो रहा है। तीनों जिलों में डायवर्सन के सैकड़ों प्रकरण लंबित हैं। रायपुर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस सिलसिले में राजस्व सचिव से मुलाकात की है और इस पूरे मामले को लेकर समुचित दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र महापात्र, सचिव राजेश सोनी व अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि राजस्व विभाग से 22 फरवरी 2019 को कृषि जमीन के डायवर्सन, पुनर्निर्धारण प्रकरणों के जल्द निपटारे को लेकर कलेक्टरों को एक आदेश जारी हुआ था। कृषि जमीन का डायवर्सन, पुनर्निर्धारण समय-सीमा में करने के निर्देश दिए गए थे। आदेश में यह भी कहा गया है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग क्षेत्र में 12 हजार वर्गफीट तक की जमीन का डायवर्सन कराने के लिए आए आवेदन पर इस दफ्तर से भू उपयोग प्रमाण पत्र प्राप्त करने की जरूरत न हो, लेकिन बाह्य ग्राम निवेश क्षेत्र, जिनका मास्टर प्लान नहीं बना है एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अंतर्गत आने वाली जमीन की विकास योजना तय नहीं है। ऐसी जमीन का भू राजस्व संहिता के तहत आवासीय, व्यवसायिक, सार्वजनिक-अर्ध सार्वजनिक व औद्योगिक प्रयोजन में डायवर्सन किया जाना स्पष्ट नहीं है।

बार पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि आदेश में ऐसे ग्राम, जहां पर भू राजस्व संहिता के तहत किसी कृषि जमीन का गैर कृषि प्रयोजन में परिवर्तन के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। बार एसोसिएशन का कहना है कि इस संबंध में आवेदक या वकीलों की ओर से कई आवेदन लगाए गए है, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। वहां सरकार की ओर से जारी इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस मामले में कलेक्टरों को डायवर्सन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.