संयुक्त राष्ट्र ने नौ लाख रोहिंग्याओं की जरूरतों के लिए मांगे 92 करोड़ डॉलर

संयुक्त राष्ट्र ने नौ लाख रोहिंग्याओं की जरूरतों के लिए मांगे 92 करोड़ डॉलर

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसियों एवं साझेदारों ने म्यामां से भाग कर बांग्लादेश आए 9,00,000 से ज्यादा रोहिंग्याओं की “सख्त जरूरतों” को पूरा करने के लिए 92 करोड़ डॉलर देने की अपील की। म्यामां के अशांत क्षेत्र रखाइन प्रांत में हुई हिंसा के बाद ये रोहिंग्या वहां से भाग कर बांग्लादेश आ गए थे। इस मामले ने विश्व का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक करीब 7,00,000 अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिम भाग कर बांग्लादेश चले आए हैं जहां वे उन 2,00,000 लोगों के साथ शामिल हो गए जो पहले से ही पिछले साल 25 अगस्त से वहां शरण लेकर रह रहे थे जब सेना ने म्यामां में एक सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। रोहिंग्या मानवीय संकट से निपटने के लिए 2019 की संयुक्त कार्रवाई योजना के तहत 92 करोड़ डॉलर जुटाने का प्रयास किया जाएगा ताकि म्यामां के 9,00,000 से ज्यादा शरणार्थियों एवं उन्हें शरण दे रहे 3,30,000 से अधिक बांग्लादेशियों की मदद हो सके।

संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने कहा, “हमारी मानवीय अनिवार्यता आज बेघर रोहिंग्या शरणार्थियों एवं उन्हें पनाह देने वाले बांग्लादेशियों की स्थिति को स्थिर करना है। इस साल की अपील के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हम समय पर, अनुमानित एवं लचीले योगदान की उम्मीद कर रहे हैं।” इस साल के वित्तपोषण की जरूरतों में महत्त्वपूर्ण सहायता एवं भोजन, जल, स्वच्छता एवं आश्रय जैसी सेवाओं के लिए सबसे अधिक चंदा जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल संरक्षण एवं यौन एवं लिंग आधारित हिंसा को संबोधित करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।

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