#MannKiBaat में बोले PM मोदी, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर देशवासी इस बार कोरोना से आजादी और आत्मनिर्भर बनने की कसम खाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज मन की बात के जरिए देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। इस मौके पर उन्होंने करगिल विजय दिवस पर देश के सैनिकों की बहादुरी को याद किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि उस वक्त भारत पाकिस्तान से मित्रता चाहता था, लेकिन पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर करगिल युद्ध का दुस्साहस किया था। इस युद्ध में भारत के सच्चे पराक्रम की जीत हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ वो भारत कभी भूल नहीं सकता है। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने के लिए दुस्साहस किया था। उन्होंने कहा कि दुष्ट का स्वभाव ही होता है हर किसी से बिना वजह दुश्मनी लेना। पाकिस्तान ऐसा ही कर रहा था।

उन्होंने कहा कि ऐसे स्वभाव के लोग जो हित करता है उसका भी नुकसान ही पहुंचाते हैं। इसलिए भारत की मित्रता की जवाब में पाकिस्तान ने पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी, लेकिन इसके बाद भारत ने जो पराक्रम दिखाया वो पूरी दुनिया ने देखा। प्रधानमंत्री कहा कि उस समय उन्हें करगिल जाने और वीर जवानों के दर्शन का सौभाग्य मिला था। पीएम मोदी ने कहा कि ये पल उनके जीवन के अनमोल क्षणों में से हैं।

मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लालकिले से दिए गए संदेश को याद किया। उन्होंने कहा कि अटल जी ने कहा था कि करगिल युद्ध ने हमें एक मंत्र दिया है, ये मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

मन की बात में PM मोदी ने कहा कि 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर देशवासी इस बार कोरोना से आजादी, आत्मनिर्भर बनने की कसम खाएं। कोराना पर बात करते हुए मोदी ने कहा आज हमारे देश में कोरोना से रिकवरी रेट बेहतर है। देश में कोरोना का मृत्यु दर भी काफी कम है। मोदी बोले कि कोरोना से अभी गंभीरता से लड़ना है। उन्होंने मन की बात में बाढ़ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बाढ़ असम और बिहार के लिए नई चुनौती बनकर आई है। मोदी ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है।

मन की बात में प्रधानमंत्री बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल आने वाले देश के अलग अलग हिस्सों के विद्यार्थियों से भी बात की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामान की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सात समंदर पार छोटा सा देश सूरीनाम है। भारत के लोग सैंकड़ों सालों पहले वहां गए, अब एक चौथाई से अधिक भारतीय मूल के हैं। भारतवंशी चंद्रिका प्रसाद ही वहां के राष्ट्रपति भी हैं।

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