आर्थिक रूप से पिछड़े को आरक्षण सवर्णों को 10% : मोदी सरकार का बड़ा फैसला
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इसके लिए संविधान में संशोधन के लिए संसद के चालू सत्र में बिल लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन (कल) सरकार संसद में बिल ला सकती है।
सरकार की ओर से यह फैसला तब आया है जब लोकसभा चुनाव होने में महज कुछ ही महीनों का समय बचा है। इससे पहले दलित नेता और मंत्री रामदास अठावले ने पहले सवर्ण जातियों के लिए आरक्षण देने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि सवर्ण जातियों को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए।यह मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा। एक सूत्र ने बताया, ‘आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है।’
सूत्रों ने कहा कि सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है। एक सूत्र ने बताया, ”आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और पांच एकड़ तक जमीन होगी। सूत्रों ने बताया कि फैसले को लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना होगा।
आपको बता दें कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था में अनुसूचित जाति (SC) को 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है।