खबरों को सनसनीखेज बनाना पत्रकारिता का अपमान है : राजनाथ सिंह

खबरों को सनसनीखेज बनाना पत्रकारिता का अपमान है : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि खबरों को सनसनीखेज बनाना पत्रकारिता का अपमान है। उन्होंने पत्रकारों को इससे दूर रहने का सुझाव दिया। रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह में सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति या सरकार की किसी भी तरह की आलोचना को सहज तरीके से लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मीडिया सरकार के लिए आईने की तरह काम करती है। लेकिन आईने को किसी रंग से नहीं रंगना चाहिए क्योंकि इससे विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाता है।’’

इंडियन एक्सप्रेस अखबार के संस्थापक दिवंगत रामनाथ गोयनका की साहसिक पत्रकारिता और खासकर आपातकाल के समय उनकी साहसिक पत्रकारिता की प्रशंसा करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि खबरों को सनसनीखेज बनाना पत्रकारिता का अपमान है। और मैं कह सकता हूं कि रामनाथ गोयनका ने ऐसा कभी नहीं होने दिया।’’ उन्होंने मीडिया और सरकार के बीच बेहतर संबंधों की भी वकालत की।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘अगर मीडिया और सरकार के बीच मित्रता नहीं है तो यह ठीक है लेकिन दोनों के बीच कलह भी नहीं होनी चाहिए।’’ उन्होंने पत्रकारों से फर्जी खबरों या प्रायोजित खबरों के प्रति सतर्क रहने के लिए कहा क्योंकि इससे उनकी विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘अखबार या मीडिया समूहों की अपनी विचारधारा हो सकती है लेकिन यह खबरों में नहीं दिखनी चाहिए।’’ सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर सिंह ने कहा कि परम्परागत मीडिया का महत्व नहीं घटेगा चाहे नयी मीडिया कितना भी आगे बढ़ जाए। बहरहाल, उन्होंने कहा कि इस विश्वसनीयता को तब तक बनाए रखा जा सकता है जब तक परम्परागत मीडिया तथ्य आधारित रिपोर्टिंग करता रहे।

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