जशपुर के युवाओं ने छुआ हिमालय की ऊंचाइयों को: 5350 मीटर की ऊंचाई पर ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग और आइस क्लाइंबिंग का अद्भुत अनुभव

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के बगिया स्थित सीएम कैंप कार्यालय में ट्राइबल अल्पाइन एक्सपीडिशन हिमालय 2025 में सफलता प्राप्त करने वाले जशपुर जिले के पर्वतारोहियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं के साहस, अनुशासन और अदम्य इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए कहा कि जशपुर के युवाओं ने यह साबित किया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी महान लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस उल्लेखनीय उपलब्धि से जशपुर और पूरे प्रदेश के आदिवासी युवाओं में एडवेंचर स्पोर्ट्स के प्रति नई जागरूकता और उत्साह पैदा होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों से युवाओं में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सामूहिक भावना का विकास होता है।
उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले के युवाओं ने हिमाचल प्रदेश में आयोजित ट्राइबल अल्पाइन एक्सपीडिशन हिमालय 2025 में भाग लेकर दुहांगन वैली में 5350 मीटर ऊंचाई तक सफलतापूर्वक आरोहण किया और छत्तीसगढ़ राज्य का गौरव बढ़ाया। अभियान के दौरान दल के सदस्यों ने ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग और आइस क्लाइंबिंग जैसी कठिन व रोमांचक गतिविधियों में अपनी अद्वितीय दक्षता और साहस का परिचय दिया। यह दल जिला प्रशासन, जशपुर के सहयोग से सितंबर माह में रवाना हुआ था।

युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन और प्रशासन के सहयोग एवं प्रोत्साहन से ही उन्हें हिमालय अभियान का हिस्सा बनने और यह उपलब्धि हासिल करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि इस अभियान से मिले अनुभव और आत्मविश्वास से जिले के अन्य युवा भी साहसिक खेलों में भागीदारी के लिए प्रेरित होंगे।

युवाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि शासन के सहयोग से आदिवासी वनांचल क्षेत्र जशपुर से हिमालय अभियान में भाग लेने का अवसर मिला। वहां विभिन्न प्रकार की एडवेंचर गतिविधियों — ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग और आइस क्लाइंबिंग — में हिस्सा लेकर उन्होंने कठिन परिस्थितियों में टीम भावना और धैर्य का अभ्यास किया।

उल्लेखनीय है कि जनजातीय हिमालय पर्वतारोहण अभियान 2025 की शुरुआत एक स्थानीय प्रशिक्षण पहल के रूप में हुई थी, जो सामूहिक विश्वास, सहयोग और समर्पण से एक सशक्त अभियान में परिवर्तित हुई। इस पहल ने न केवल युवाओं में आत्मविश्वास और रोमांच की भावना जगाई, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त बनाया।

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