आपातकाल ने भारत की आत्मा को कुचला, कांग्रेस पर जमकर बरसे मोदी
नई दिल्ली। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर जमकर हमले बोले। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि आपकी ऊंचाई आपको मुबारक हो। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि जमीन दिखना बंद हो गया है। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आप जड़ों से उखड़ गए हैं। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आपको जमीन के लोग तुच्छ लगने लगे हैं। आपका और भी ऊंचा होना मेरे लिए संतोष और आनंद की बात है।
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें तो जड़ों के साथ मिलकर काम करना है। मोदी ने आगे कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी अटल जी की सरकार की तारीफ की हो। उनकी छोड़ो नरसिम्हा राव जी की सरकार की तारीफ की हो। इस सदन में बैठे हुए इन लोगों ने तो एक बार भी मनमोहन सिंह जी की सरकार का जिक्र तक नहीं किया, अगर किया हो तो बताएं। विरोधियों से प्रतिस्पर्धा की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उन लोगों से प्रतिस्पर्धा भी नहीं करते जो इतनी ऊंची उड़ान भरते दिखते हैं कि जमीन पर मौजूद वास्तविकताओं से कट जाते हैं। हमारा मकसद तो जमीनी हकीकत से रूबरू होना है और लोगों की भलाई के लिए काम करते रहना है।
लोकसभा में लगातार चर्चा को बाधित करने वालों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने पूछा कि आज तारीख क्या है? आज 25 जून है, 25 जून की वो रात जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। भारत में लोकतंत्र संविधान के पन्नों से पैदा नहीं हुआ है, भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है। किसी की सत्ता चली न जाए सिर्फ इसके लिए, उस आत्मा को कुचल दिया था। उन्होंने कहा कि आज 25 जून को हम लोकतंत्र के लिए प्रति हमारे समर्पण, संकल्प को और ताकत के साथ समर्पित करना होगा। जो-जो भी इस पाप के भागीदार थे, ये दाग कभी मिटने वाला नहीं है। इस दाग को बार-बार इसलिए स्मरण करने की जरूरत है ताकि फिर कोई ऐसा पाप न कर सके।