पंजीयन सॉफ्टवेयर में संशोधन का आदेश जारी

पंजीयन सॉफ्टवेयर में संशोधन का आदेश जारी

रायपुर। राज्य सरकार के वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग ने भू-खण्डों के पंजीयन के लिए नक्शें की आवश्यकता के बारे में जारी निर्देशों के अनुरूप पंजीयन विभाग के चलित सॉफ्टवेयर (ऑनलाइन भूमि पंजीयन) में संशोधन का आदेश जारी कर दिया है। वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग ने यह आदेश मंत्रालय (महानदी भवन) से महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक को जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि राजस्व विभाग ने पटवारियों के पास कैडेस्ट्रल नक्शा तथा उसके सुसंगत भू-नक्शा साफ्टवेयर में समस्त खसरा नम्बरों के नक्शों का बटांकन नहीं होने और इन खसरा नम्बरों को भू-नक्शों में अंकित करने में कठिनाईयों को और लगने वाले समय को देखते हुए चलित सॉफ्टवेयर (ऑनलाइन भूमि पंजीयन) में संशोधन का आदेश 29 दिसम्बर 2018 को जारी किया था। वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग के सचिव को राजस्व विभाग द्वारा जारी इस परिपत्र में पंजीयन सॉफ्टवेयर में संशोधन के निर्देश दिए गए थे।

परिपत्र में राजस्व विभाग द्वारा कहा गया है कि पूर्व में छोटे भू-खण्डों का पंजयीन होने तथा तदनुसार नक्शे में अंकन किए बिना खसरे में भूमि स्वामी का नाम दर्ज किया गया है। ऐसे खसरा नंबरों का बिना विस्तृत सर्वेक्षण एवं गहन जांच के नक्शे में अंकन संभव नहीं होने के तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए यदि कोई भूमिस्वामी किसी खसरा नम्बर के धारित संपूर्ण भूमि को अंतरित करना चाहता है, तो पंजीयन हेतु उस खसरा नंबर के नक्शे में अंकन की अनिवार्यता को आगामी आदेश तक स्थगित किया जाता है। खसरा एवं नक्शा में आबादी भूमि के रूप में दर्ज भूमि के अंतर्गत निवासरत व्यक्तियों के द्वारा धारित भू-खण्डों का भूमिस्वामीवार कोई भी भू-अभिलेख तथा नक्शा अभी तक शासन द्वारा तैयार नहीं कराया गया है, अत: आबादी भूमि के रूप में अंकित खसरा नम्बर के अंदर यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपने विधिपूर्वक कब्जे की भूमि का विक्रय हेतु पंजीयन के लिए भू-अभिलेख एवं नक्शे की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।

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